रात में बाइडेन से बात, सुबह पुतिन को मिलाया फोन; क्या युद्ध रुकवा पाएंगे PM मोदी?
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पीएम मोदी ने सोमवार रात को यूएस के राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर अपनी हालिया यूक्रेन यात्रा पर चर्चा की. वहीं मंगलवार सुबह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की. क्या भारत एक मध्यस्थ बनकर उभर रहा है.
पिछले ढाई साल से रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में अब तक किसी भी पक्ष ने हार नहीं मानी है. न तो रूस ने जंग में स्पष्ट जीत हासिल की है और न ही यूक्रेन हार मानने को तैयार है. इस जंग में दुनिया में स्पष्ट तौर पर दो धुव्रों में बंटी नजर आ रही है. ऐसे में यह जंग कैसे रुकेगी, कोई नहीं जानता. इस माहौल में अब सबकी उम्मीदें भारत से लगी हुई हैं. क्या वाकई भारत यह जंग रुकवा पाएगा, इसके बारे में कोई निश्चित रूप से तो कुछ नहीं कह सकता. लेकिन भारत खामोशी के साथ इस जटिल काम में जुटा हुआ है, जिससे एक उम्मीद बंध रही है.
रात में बाइडेन से बात, सुबह मिला दिया पुतिन को फोन
यूक्रेन के एक दिवसीय दौरे से लौटने के बाद पीएम मोदी ने सोमवार रात अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से बात की और अपनी पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा से अवगत कराया. दोनों शासन प्रमुखों में इस युद्ध में बढ़ रही जनहानि को देखते हुए इसे रुकवाने की जरूरत पर बल दिया. वहीं बांग्लादेश के हालात पर दोनों नेताओं ने चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कानून- व्यव्यवस्था की बहाली और अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर हो रहे हमले रोकने की मांग की. अमेरिकी राष्ट्रपति से बातचीत के बाद पीएम मोदी ने आज सुबह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन मिलाकर उन्हें यूक्रेन यात्रा से अवगत कराया.
यूक्रेन यात्रा पर दोनों नेताओं में हुई बातचीत
पीएम मोदी ने खुद अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करके यह जानकारी दी. उन्होंने पोस्ट में लिखा, राष्ट्रपति पुतिन से रूस-यूक्रेन संघर्ष पर दृष्टिकोण और यूक्रेन की हालिया यात्रा से मेरी अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान किया. संघर्ष के शीघ्र, स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई. इसके साथ ही दोनों देशों में विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की.
यूक्रेन और रूस की यात्राएं अनूठी- पूर्व राजनयिक
भारत के इन प्रयासों के पर राजनयिक जगत की भी नजरें लगी हुई हैं. पूर्व IFS अधिकारी महेश सचदेव ने मंगलवार को कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की हाल की यूक्रेन और रूस की यात्राएं ‘अनूठी’ थीं. इसकी वजह ये है कि दुनिया में बहुत कम ऐसे राष्ट्राध्यक्ष हैं, जो जंग शुरू होने के बाद मॉस्को और यूक्रेन दोनों का दौरा कर पाए हों. दोनों देशों में शांति वार्ता के लिए कई देशों की पहल अब तक कामयाब नहीं हुई हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि पीएम मोदी की कोशिश रंग लाती है या नहीं.
32 साल यूक्रेन पहुंचा कोई भारतीय प्रधानमंत्री
पूर्व IFS अधिकारी महेश सचदेव ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले महीने रूस की यात्रा की थी, जिसकी यूक्रेन समेत पश्चिमी देशों ने आलोचना की थी. इसके बाद अब पीएम मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन के दौरे पर गए. यूक्रेन के सोवियत संघ से अलग होने के बाद यह पहला मौका था, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री यूक्रेन की यात्रा पर पहुंचा हो. उनकी इस यात्रा से मॉस्को विजिट से दोनों देशों में पनपी कड़वाहट निश्चित रूप से कम हुई है. पीएम मोदी ने संभवतया अमेरिकी राष्ट्रपति से फोन कॉल के दौरान उन्हें अपनी यूक्रेन यात्रा के बारे में सूचित किया होगा.
भारत दौरे के निमंत्रण पर जताई सहमति
उन्होंने कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पहले पीएम मोदी और पुतिन के गले लगते फोटो से नाराज थे. लेकिन जब पीएम मोदी ने अपनी कीव यात्रा में उन्हें भी गले लगाया तो उनका शिकवा दूर हो गया. जेलेंस्की ने कहा कि वह पीएम मोदी के निमंत्रण पर भारत यात्रा पर जाएंगे. वहीं उन्होंने दूसरा यूक्रेन शांति सम्मेलन साउथ ग्लोबल के देशों में आयोजित करने की इच्छा जाहिर की. एक तरह से यूक्रेन ने भारत के निष्पक्ष भूमिका को स्वीकार किया और उससे जंग रुकवाने की दिशा में काम करने का अनुरोध किया है.
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