स्पा-डेक्स उपग्रहों की सफल ‘डी-डॉकिंग’
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जानकारी दी है कि अंतरिक्ष में प्रक्षेपित एसपीए-डेक्स उपग्रहों की ‘डी-डॉकिंग’ प्रक्रिया पूरी हो गई है।
नई दिल्ली/बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जानकारी दी है कि अंतरिक्ष में प्रक्षेपित एसपीए-डेक्स उपग्रहों की ‘डी-डॉकिंग’ प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसरो ने कहा है कि इससे भविष्य के चंद्र मिशनों और अंतरिक्ष में मानव मिशनों का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
इसरो ने अपने पहले प्रयास में ही 13 मार्च को अनडॉकिंग प्रक्रिया पूरी कर ली। अब इन दोनों उपग्रहों की स्थिति सामान्य है। अभियान की निगरानी बेंगलुरु, लखनऊ और मॉरीशस स्थित केंद्रों से की गई। इसरो आने वाले दिनों में इन उपग्रहों पर कुछ और प्रयोग करेगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को ‘एक्स’ पर टिप्पणी करके इसरो के इस सफल प्रयोग की घोषणा की।
उन्होंने कहा, “स्पा-डेक्स उपग्रहों ने अविश्वसनीय डी-डॉकिंग पूरी कर ली है।” अब भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के सुचारू संचालन का रास्ता साफ हो गया है। इसमें भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, चंद्रयान-4 और गगनयान मिशन भी शामिल हैं। इसरो को बधाई.
इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने इस उपलब्धि के लिए वैज्ञानिकों को धन्यवाद भी दिया है। उन्होंने कहा, “यह इसरो के इतिहास में एक और बड़ी उपलब्धि है।” हमने उपग्रहों को सफलतापूर्वक ‘डी-डॉक’ किया है। मैं इसके लिए किए गए प्रयासों को समझ सकता हूं।
स्पा-डेक्स अभियान पिछले वर्ष 30 दिसंबर को शुरू किया गया था। इस मिशन में दो एसपीए-डेक्स उपग्रहों ‘एसडीएक्स-01’ और ‘एसडीएक्स-02’ को, जिनमें से प्रत्येक का वजन 220 किलोग्राम था, वृत्ताकार कक्षा में प्रक्षेपित किया गया। इस मिशन में अनुसंधान एवं विकास के लिए 24 और ‘पेलोड’ हैं। यह सिर्फ एक स्पैडेक्स अभियान नहीं होगा, बल्कि भविष्य में ऐसे कई और अभियान चलाए जाएंगे।
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