Success Story: डिप्रेशन में छोड़नी पड़ी NDA, फिर क्रैक किया UPSC और बन गए IAS अफसर।
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मनुज ने विदेश में पढ़ाई करने का फैसला किया और वर्जीनिया यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की. उन्हें बार्कलेज से एक ऑफर मिला, जहां उन्होंने अच्छे सैलरी पैकेज के साथ तीन साल तक काम किया.
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करना निस्संदेह एक कठिन काम है. यह उपलब्धि हासिल करने वाले ऐसे ही एक शख्स हैं IAS मनुज जिंदल, जिन्होंने ऑल इंडिया 53वीं रैंक हासिल की. मनुज जिंदल महाराष्ट्र कैडर के 2017 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.
वो एक एनडीए कैडेट भी थे, जहां उन्होंने यूपीएससी एनडीए परीक्षा में ऑल इंडिया 18वीं रैंक हासिल की थी. वह मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले हैं और अपनी एजुकेशन के लिए देहरादून के एक स्कूल में एडमिशन लिया था. 18 साल की उम्र में उन्होंने एनडीए की परीक्षा पास कर ली.
ट्रेनिंग के दौरान पहले सेशन में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया. हालांकि, दूसरे कार्यकाल में, वह चिंता और डिप्रेशन से जूझते रहे. उनकी बिगड़ती हालत के कारण अकादमी ने उन्हें कोर्स से अयोग्य घोषित करने का फैसला लिया.
इस झटके के बाद मनुज ने विदेश में पढ़ाई करने का फैसला किया और वर्जीनिया यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की. उन्हें बार्कलेज से एक ऑफर मिला, जहां उन्होंने अच्छे सैलरी पैकेज के साथ तीन साल तक काम किया. बाद में, उन्होंने भारत लौटने का फैसला किया, जहां उनका छोटा भाई यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहा था. मोटिवेट होकर, मनुज ने भी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और 2014 में उपस्थित हुए. उन्होंने पहले दो फेज- प्रीलिम्स और मेन्स – को पास कर लिया, लेकिन फाइलन लिस्ट में जगह नहीं बना सके.
इसके बावजूद मनुज ने हार नहीं मानी. अपने दूसरे प्रयास में, उन्होंने परीक्षा पास की लेकिन उन्हें रिजर्व कैटेगरी में रखा गया. आखिरकार 2017 में अपने तीसरे अटेंप्ट में उन्होंने परीक्षा पास की और ऑल इंडिया 53वीं रैंक हासिल की. मनुज जिंदल की जर्नी एक सच्ची प्रेरणा है, जो दिखाती है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कोई भी बाधा को पार कर सकता है.
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