90 घंटे काम के बाद फिर चर्चा में आए सुब्रह्मण्यम, इस बार महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान।
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महिलाओं को दी गई यह सुविधा केवल एलएंडटी की महिला कर्मचारियों पर लागू होगी. एलएंडटी की दूसरी सब्सिडियरी कंपनियों में यह नियम लागू नहीं होगा. ओडिशा देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने महिला कर्मचारियों के लिए एक दिन की पीरियड लीव लागू की थी.
पिछले दिनों हफ्ते में 90 घंटे काम करने की बात कहकर विवादों में आए लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम ने महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने घोषणा की कि अब कंपनी में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को एक दिन की मेंस्ट्रुअल लीव (पीरियड लीव) मिलेगी. इस फैसले से एलएंडटी इस तरह की सुविधा देने वाली पहली बड़ी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है. एलएंडटी के इस कदम का फायदा कंपनी की करीब 5,000 महिला कर्मचारियों को मिलेगा.
वुमेन डे पर महिलाओं के लिए किया ऐलान
एलएंडटी के चेयरमैन और एमडी एसएन सुब्रमण्यन ने इंटरनेशनल वुमेन डे (international women’s day) के मौके पर हुए एक कार्यक्रम में इस बारे में घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह सुविधा केवल मूल कंपनी एलएंडटी की महिला कर्मचारियों पर ही लागू होगी. फाइनेंशियल सर्विसेज और तकनीक में लगी सब्सिडियरी कंपनियों पर यह लागू नहीं होगी. साल 2024 में ओडिशा देश का पहला राज्य बना जिसने सरकारी और प्राइवेट ऑफिस में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिए एक दिन की पीरियड लीव लागू की. इस पॉलिसी का मकसद महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म के दौरान आराम देने का था.
एलएंडटी के चेयरमैन और एमडी एसएन सुब्रमण्यन ने इंटरनेशनल वुमेन डे (international women’s day) के मौके पर हुए एक कार्यक्रम में इस बारे में घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह सुविधा केवल मूल कंपनी एलएंडटी की महिला कर्मचारियों पर ही लागू होगी. फाइनेंशियल सर्विसेज और तकनीक में लगी सब्सिडियरी कंपनियों पर यह लागू नहीं होगी. साल 2024 में ओडिशा देश का पहला राज्य बना जिसने सरकारी और प्राइवेट ऑफिस में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिए एक दिन की पीरियड लीव लागू की. इस पॉलिसी का मकसद महिला कर्मचारियों को मासिक धर्म के दौरान आराम देने का था.
इन राज्यों ने महिलाओं के लिए किया ऐलान
बाद में एलएंडटी ने एक इंटरनल वर्चुअल मीटिंग के दौरान इन टिप्पणियों का बचाव करते हुए कहा कि यह राष्ट्र निर्माण की पहल के अनुरूप है. इससे पहले स्विगी और जोमैटो जैसी कंपनियों ने मासिक धर्म पर महिलाओं को छुट्टी देने की घोषणाएं की हैं. हालांकि, प्रमुख कारोबारी घरानों ने अभी तक इसी तरह की पहल नहीं की है. बिहार, ओडिशा, सिक्किम और केरल ने अपनी महिला कर्मचारियों के लिए मासिक धर्म की छुट्टियों का प्रावधान किया है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सरकार को इस मामले पर पॉलिसी बनाने का सुझाव दिया था.
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