संगम में डुबकी लगाने आ रही Steve Jobs की पत्नी, 17 दिन तक रहेंगी कल्पवास में.
1 min read
|
|








इस वर्ष महाकुंभ में एक खास मेहमान भी शामिल होंगी. स्टीव जॉब्स की पत्नी और अरबपति, लॉरेन पॉवेल जॉब्स. वो ‘कल्पवास’ नाम की एक प्राचीन हिंदू परंपरा में भाग लेंगी.
महाकुंभ 13 जनवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने जा रहा है. हर बारह साल में होने वाला यह विशाल आयोजन दुनिया भर से लाखों भक्तों, संतों और साधकों को आकर्षित करता है. गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर होने वाला यह आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए बताया कि इस वर्ष महाकुंभ में एक खास मेहमान भी शामिल होंगी. स्टीव जॉब्स की पत्नी और अरबपति, लॉरेन पॉवेल जॉब्स. वो ‘कल्पवास’ नाम की एक प्राचीन हिंदू परंपरा में भाग लेंगी.
13 जनवरी को पहुंचेंगी प्रयागराज
Apple के फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी और अरबपति लॉरेन पॉवेल जॉब्स महाकुंभ मेला 2025 में शामिल होंगी. इस आयोजन में दुनिया भर से ध्यान आकर्षित होगा. रिपोर्ट्स के अनुसार, वे 13 जनवरी को प्रयागराज पहुंचेंगी और निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में रहेंगी.
29 जनवरी तक रहेंगी कल्पवास में
अपने दौरे के दौरान, पॉवेल जॉब्स 29 जनवरी तक कल्पवास में रहेंगी, जिसमें वे धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेंगी और संगम में डुबकी लेंगी. इस तरह के पारंपरिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का उनका निर्णय महाकुंभ के वैश्विक महत्व को दर्शाता है.
कौन हैं लॉरेन पॉवेल जॉब्स
लॉरेन पॉवेल जॉब्स एक अरबपति उद्यमी और परोपकारी हैं. उन्हें पति स्टीव जॉब्स से विरासत में संपत्ति मिली है. Apple के अलावा, पॉवेल जॉब्स अपने परोपकारी कार्यों के लिए जानी जाती हैं. उन्होंने एमर्सन कलेक्टिव नाम से एक फर्म बनाई है जो शिक्षा, इकोनॉमिक मोबिलिटी, इमिग्रेशन और इंवायरमेंट इशू पर काम करती है. उन्होंने 2021 में Waverley Street Foundation भी बनाया, जो क्लाइमेट सॉल्यूशन को बढ़ावा देने के लिए काम करता है.
क्या होता है कल्पवास में?
महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है कल्पवास. यह परंपरा बहुत पुरानी है और महाभारत और रामचरितमानस जैसे ग्रंथों में इसका जिक्र मिलता है. जो लोग कल्पवास करते हैं, उन्हें कल्पवासी कहते हैं. कल्पवास का समय पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा तक होता है. जो लोग कल्पवास करते हैं, वे संगम के पास साधारण तंबुओं में रहते हैं और आरामदायक जीवन छोड़ देते हैं. वे रोजाना गंगा नदी में स्नान करते हैं, भजन गाते हैं और संतों के उपदेश सुनते हैं.
About The Author
|
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space












Recent Comments