महाराष्ट्र में रहने वाले पाकिस्तानियों के आंकड़े सामने आए; मुंबई, पुणे और ठाणे में आंकड़े आश्चर्यजनक हैं!
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महाराष्ट्र में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के आंकड़े सामने आए हैं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में 27 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई। कहा जा रहा है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों का हाथ है। इसके बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ समझौते में कई प्रतिबंध लगा दिए। इसके बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया। भारत में रह रहे पाकिस्तानियों से देश छोड़ने का आग्रह किया गया। उन्हें 48 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया गया।
महाराष्ट्र में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के आंकड़े सामने आए हैं। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि महाराष्ट्र में अल्पावधि वीजा पर कुल 55 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दिया था।
इस बीच, महाराष्ट्र में पाकिस्तानी नागरिकों के आंकड़े सामने आए हैं। तदनुसार, यह पता चला है कि ठाणे शहर में 19, नागपुर में 18, जलगांव में 12, पुणे शहर में 3, मुंबई में 1, नवी मुंबई में 1 और रायगढ़ में 1 पाकिस्तानी नागरिक अल्पकालिक वीजा पर हैं।
पाकिस्तान से भारत आने वाले नागरिकों का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान के जरिए सामने आया। मोदी ने सार्क वीजा और पर्यटक वीजा पर पाकिस्तान से भारत आए नागरिकों से भी तुरंत भारत छोड़ने की अपील की है। इस घटना के बाद जिला पुलिस बल सक्रिय हो गया है और जलगांव में पाकिस्तानी नागरिकों की जांच और पूछताछ शुरू कर दी गई है। यह बात सामने आई है कि 327 पाकिस्तानी नागरिक पर्यटक वीजा पर जलगांव में रह रहे हैं। पुलिस विभाग ने बताया कि इस मामले को लेकर सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक नखाते ने दी।
शिवसेना ठाकरे गुट के नेता गजानन मालपुरे ने कुछ साल पहले जलगांव में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसके अनुसार, यह पता चला कि जलगांव शहर में 700 से अधिक पाकिस्तानी सिंधी भाई रह रहे थे। गजानन मालपुरे ने कहा है कि संबंधित व्यक्तियों ने भारतीय नागरिकता स्वीकार कर ली है, लेकिन नागरिकता स्वीकार करने के बाद सरकार की शर्तों का पालन संबंधित व्यक्तियों द्वारा नहीं किया जा रहा है, जिससे खतरा पैदा हो सकता है। गजानन मालपुरे ने यह भी आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन राजनीतिक दबाव के कारण संबंधितों की उपेक्षा कर रहा है। इस बीच, गजानन मालपुरे ने यह सवाल भी उठाया है कि यदि भविष्य में संबंधित नियमों और शर्तों का पालन न करने के कारण कोई अनुचित घटना घटित होती है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।
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