आयुर्वेदीक क्षेत्र में निरंतर 9 वर्षो की तपश्चर्या के बाद शुरू किया था सफर – डॉ. दिनकर मारूती निसळकर
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जिवन की सफलता लोगकल्याण में होनी चाहीए और लोग स्वस्थ और मस्त रहने चाहए यही संकल्प लिया है डॉ. दिनकर सिळकरने
डॉ. दिनकर निसळकर सातारा के पतन तेहसील में एक छोटेसे गांव विखंडवाडी मे रहते थे, उसके बाद उन्होंने सातारा में आकर खुदका एक आशियाना बनाया! 40 सालों से वे सातारा शहर में रहते है! उन्होंने सातारा मे ही उनकी पढाई पुरी की, उन्होंने एज्युकेशन खत्म करने के बाद, नोकरी करनी चाही लेकीन उसी वक्त उनका लगाव आयुर्वेदीक क्षेत्र से होने लगा! तो उन्होंने उसी क्षेत्र में आगे बढने का फैसला लिया!
उन्होंने आयुर्वेदीक क्षेत्र में 3 साल की एनडी की डिग्री लेने का फैसला लिया, उसके बाद 2 साल एम.डी.वाय अँड एन की डिग्री कम्पलीट की, साथ ही 2 साल डी.एन.वाय.एस की डिग्री, 2 साल सि.एम.एस अँड इडी की डिग्री हासिल की, उन्होंने लगभग 9 साल शिक्षा के क्षेत्र में तपश्चर्या की और आयुर्वेदीक क्षेत्र के विशेषज्ञ बने!
महत्वपुर्ण डिग्रीया हासील करने के बाद अब वक्त था, प्रॅक्टीकली इम्पीमेंट करने का, तो उन्होंने नॅचरोपॅथी में समाजसेवा के साथ प्रत्यक्ष रूपमें काम शुरू कीया, छोटे छोटे गांव में जाकर हेल्थ कॅम्प का आयोजन कीया वहाॅ लोगों को स्वास्थ्य की जानकारी दी और अच्छें स्वास्थ्य के लिए उन्हें प्रेरीत कीया और मागदर्शन भी दिया!
लोगोंसे बातचीत करने के बाद उन्होंने सारी समस्यांओं को अच्छेंसे समझ लिया और फिर उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए क्या जरूरी है, इसका अभ्यास करके आयुर्वेदीक उत्पाद निर्माण करने का संकल्प लिया!
शुरूआत करनी थी लेकीन पैसो के अभाव से और मॅनपाॅवर की कमी से उन्होंने एक कदम पिछे लिया, लोग केहते है गाडी के दोनों ही पहीए साथ होने चाहीए! तभी गाडी सही रास्तेपल चल सकती है! दिनकर जी के साथ भी बिल्कुल वैसा ही हुआ, जब वे असंमजस की परिस्थीती में थे, तब उनकी पत्नी सुवर्णा ने उनका साथ दिया! मजबुती से उनके साथ खडी रही और उनकी गाडी प्रगती की दिशा मे दौड पडी!
उनकी पत्नी के सहयोग से उन्होंने आयुर्वेदीक उत्पाद निर्माण कार्य शुरू कीया, पेन रिलीफ जेल, वेदनाहारी वटी जैसे अन्य उत्पाद उन्होंने मार्केट में लाने का फैसला लिया! उन्होंने निर्माण कीए आयुर्वेदीक उत्पाद बडेही उपयुक्त होनें के बावजुद लोगों तक पहुॅंचना जरूरी था, उन्हे मार्केटींग की एक अच्छी टिम की आवश्यकता थी!
जबतक हम कीसी उत्पाद का परिणाम नही दिखाते तब तक लोग उसपर विश्वास नही रख पाते, इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पेनरीलीफ जेल का प्रयोग निशुल्क करना शुरू कीया, जीन्हें बाॅडी पेन की समस्या थी उन्हे निशुल्क पेनरीलीफ जेल देना प्रारंभ किया! उसके बाद जब लोगों को 5 से 10 मीनीट में आराम मिलने लगा तो लोगों का विश्वास बढने लगा और लोग उस उत्पाद को पैसे देकर खरीदने लगे! लोगोंका विश्वास बढने के बाद उन्होंने टॅब्लेट का निर्माण किया! और धिरे धिरे अन्य उत्पादों के साथ वे मार्केट में अपना अस्तीत्व बनाने में सफल हो सके!
दिनकर जी का पुरा परीवार मेडीकल फिल्म में कार्यरत है उनकी दोनों बेटीयाॅ आज डाॅक्टर बन चुकी है! और उनका बेटा भी डाॅक्टर बनकर उनका साथ दे रहा है! उनकी बहु फार्मासीस्ट है और सब मीलकर दिनकर जी का सपना साकर कर रहे है! उनके साथ कंधेसे कंधा मिलाकर काम कर रहे है!
उन्हें खुशी है की आज उनके साथ 50 डाॅक्टरोंकी टिम जुड चुकी है! 100 से अधीक डिस्ट्रीब्युटर्स और 20 से अधीक मेंडिकल उनके उत्पादों को मार्केट में व्यापक तरीके से पहुॅचानें कार्य कर रहे है!
आर्युवेदिक उत्पाद के सफलता के साथ उन्होंने समाजसेवाको भी प्राथमिकता दी और उनकी पत्नी और उनके नाम को मिलाकर सुर्वणदिन नाम से एक फांउडेशन का गठन कीया! और दोनों ही जरूरतमंद लोगों की सेवा में जुट गए! उन्होंने काफी लोगों को जरूरी सामान या खानेपीने की चीजे और कुछ लोगों को आयुर्वेदीक मेडीसीन तक निशुल्क देना प्रारंभ किया! साथ ही उन्होंने अंधे लोगों के लिए सहयोग देना और उन्हे निशुल्क सेवा देना प्रारंभ किया! उन्हे खुशी है की आज 50 से अधीक अंध लोगों की वे सेवा कर सके है! और आनेवाले समय में ये कार्य निरंतर चलता रहेगा एैसा उन्हे पुरा विश्वास है! स्वस्थ रहो फिट रहो यही उनका मंत्र है जो वे सभी को देना चाहते है, उसीपर अमल करना चाहते है! हम रिसील की और से उनके इस महान कार्य के लिए उन्हें सलाम करते है!
लेखक : सचिन आर जाधव
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