गणेशोत्सव के समय एसटी की हड़ताल! कर्मचारियों के काम बंद आंदोलन के कारण गांव जाने वाली बसें डिपो में ही खड़ी।
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एसटी कर्मचारियों की मांगों को सरकार द्वारा नजरअंदाज किए जाने के कारण इस समय लालपरी की चक्के थमने की स्थिति देखने को मिल रही है। गणेशोत्सव के मौके पर एसटी कर्मचारियों ने आंदोलन का सहारा लिया है। एसटी कर्मचारी संयुक्त क्रियाशीलता समिति की ओर से आज से अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन शुरू हो गया है। आज एसटी कर्मचारियों के आंदोलन का पहला दिन है। एसटी कर्मचारियों के आंदोलन के कारण बसें डिपो में ही खड़ी हैं, जिससे यात्रियों को सीधा नुकसान हो रहा है। इस आंदोलन के कारण पूरे राज्य में एसटी बसें बंद रहने की संभावना है। मुंबई सेंटर स्थित एसटी बस डिपो में इस आंदोलन का असर देखा जा रहा है।
गणेशोत्सव के लिए गांव जाने के लिए लोगों की हलचल रहती है। कई लोगों ने गणेशोत्सव के लिए एसटी की बुकिंग भी कर रखी है। ऐसे में कर्मचारियों के आंदोलन के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। पूरे राज्य में इस आंदोलन का असर देखा जा रहा है। सुबह 7:30 बजे की एसटी बस थी, लेकिन एक-डेढ़ घंटे बाद भी बस डिपो में ही खड़ी रही। उसके बाद यात्रियों को बताया गया कि यह बस कहीं नहीं जाएगी। इस कारण यात्रियों में भी नाराजगी दिखाई दे रही है। यात्रियों ने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वे आम जनता को बंधक बना रहे हैं। दो महीने पहले ही बुकिंग करने के बावजूद ऐसी स्थिति होने पर यात्रियों ने नाराजगी जताई है।
पुणे में भी एसटी कर्मचारियों का आंदोलन: पुणे में भी एसटी कर्मचारियों ने आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया है। स्वारगेट बस स्टैंड से बाहर जाने वाली सभी एसटी बसें बंद कर दी गई हैं। रात की बसें ही बाहर निकलेंगी। ड्राइवर, कंडक्टर और वर्कशॉप के लगभग 500 से अधिक कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे। साथ ही स्वारगेट स्टैंड में पुलिस का बंदोबस्त भी बढ़ा दिया गया है।
रायगढ़ में एसटी आंदोलन को बहुत कम समर्थन: एसटी कर्मचारी संघों की संयुक्त क्रियाशीलता समिति द्वारा बुलाई गई हड़ताल को रायगढ़ जिले में बहुत कम समर्थन मिल रहा है। जिले के सभी आठ डिपो में अधिकांश कर्मचारी काम पर उपस्थित हैं। सभी डिपो से सुबह से ही नियमित राउंड शुरू हो गए हैं।
अकोला से एसटी बस सेवा बंद: अकोला में एसटी कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल की घोषणा की है। अकोला के डिपो नंबर 1 और 2 से एक भी बस नहीं चलाने का फैसला कर्मचारियों ने लिया है।
एसटी कर्मचारियों की मांगें क्या हैं? एसटी निगम के कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों के समान वेतन दिया जाए। साथ ही जुलाई 2018 से जनवरी 2024 तक का महंगाई भत्ता दिया जाए। इन और अन्य मांगों के लिए गणेशोत्सव के मौके पर एसटी कर्मचारी संघों ने काम बंद आंदोलन का आह्वान किया है। अगर इस आंदोलन का हल नहीं निकला तो गणेशोत्सव के समय यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। राज्य परिवहन निगम (एसटी) के वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों ने महाराष्ट्र एसटी कर्मचारी संयुक्त क्रियाशीलता समिति का गठन किया है। एसटी की सभी कर्मचारी संघटनाएं इस क्रियाशीलता समिति के माध्यम से जुड़ी हैं। राज्य भर में बैठकों का आयोजन कर 3 सितंबर को आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था।
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