“कुछ उल्लेखनीय करने के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता है”, चेयरमैन के विवादास्पद बयान पर एलएंडटी का स्पष्टीकरण।
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चेयरमैन के बयान की आलोचना के बीच एलएंडटी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है, “कुछ विशेष करने के लिए विशेष प्रयास की जरूरत होती है।”
लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यम के कर्मचारियों के काम के घंटों के संबंध में दिए गए बयान पर गरमागरम बहस हो रही है। एस.एन. सुब्रह्मण्यम ने कहा था कि कर्मचारियों को रविवार को भी काम करना चाहिए, न कि बैठकर अपनी पत्नियों को देखते रहना चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों को प्रति सप्ताह 90 घंटे काम करने की भी सलाह दी। जबकि उनके बयान की आलोचना हो रही थी, एलएंडटी कंपनी ने यह स्पष्ट करते हुए कहा, “किसी चीज को उल्लेखनीय बनाने के लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता होती है।”
विशेष प्रयास की आवश्यकता है ताकि विशेष
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘आठ दशक से अधिक समय से हम भारत के बुनियादी ढांचे, उद्योग और तकनीकी क्षमताओं को आकार दे रहे हैं। हमारा मानना है कि यह दशक भारत का है। इसलिए, देश की प्रगति को बढ़ावा देने और विकसित राष्ट्र बनने के हमारे सभी सपनों को साकार करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।”
कंपनी ने अपने बयान में आगे कहा, “हमारे चेयरमैन के बयानों से पता चलता है कि कुछ महत्वपूर्ण हासिल करने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है।” एलएंडटी में, हम एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देते हैं जहां जुनून, उद्देश्य और प्रदर्शन हमें आगे बढ़ाएंगे।”
मुझे इसका अफसोस है…
कर्मचारियों के साथ बातचीत करते हुए लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यम ने कहा था, “मुझे खेद है कि मैंने आपसे रविवार को काम नहीं कराया। “मुझे बहुत खुशी होगी अगर मैं आपसे रविवार को भी काम करने को कहूं, क्योंकि मैं भी रविवार को काम करता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “रविवार को घर पर बैठकर क्या करते हो?” तुम कब तक अपनी पत्नी को देखते रहोगे? आपकी पत्नी कब तक आपकी ओर देखती रहेगी? “बल्कि, कार्यालय आओ और काम पर लग जाओ।”
विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिक्रियाएँ
एसएन सुब्रह्मण्यम के बयान पर गुस्सा जाहिर करते हुए पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने कहा, “उन्हें (कर्मचारी को) अपनी पत्नी की ओर क्यों नहीं देखना चाहिए?” यह दुःख की बात है कि जो लोग इतने शिक्षित हैं और बड़े संगठनों में सर्वोच्च पदों पर हैं, वे भी मानसिक स्वास्थ्य और विश्राम को गंभीरता से नहीं लेते। वे इस तरह के स्त्री-द्वेषी बयान देकर खुद को बेनकाब कर रहे हैं। यह निराशाजनक और डरावना है!”
एसएन सुब्रह्मण्यम के बयान के बाद उद्योगपति हर्ष गोयनका ने एक्स पर एक पोस्ट लिखा है। उन्होंने कहा, “क्या आप सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहते हैं?” “रविवार का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ क्यों न रख दिया जाए?” इस पोस्ट के साथ गोयनका ने हैशटैग #WorkSmartNotSlave का भी इस्तेमाल किया।
अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। दीपिका ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि यह चौंकाने वाला है कि इतने वरिष्ठ पदों पर बैठे लोग इस तरह के बयान देंगे। इस बार उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा भी उठाया है।
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