स्पेस एजेंसी NASA ने चांद की सतह पर पानी की तलाश करने के लिए एक लूनर ट्रेलब्लेजर स्पेसक्राफ्ट लॉन्च।
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स्पेस एजेंसी NASA ने चांद की सतह पर पानी की तलाश करने के लिए एक लूनर ट्रेलब्लेजर स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया. इसके जरिए चांद की अलग-अलग सतह पर पानी का पता लगाया जाएगा.
नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने चांद की सतह पर पानी खोजने के लिए बुधवार 27 फरवरी 2025 को एक लूनर ट्रेलब्लेजर स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया. यह स्पेस्क्राफ्ट स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर सवार होकर चांद के साउथ पोल को एक्सप्लोर करने के मिशन से भेजा गया. इसके जरिए चांद की सतह पर पानी कहां-कहां मौजूद है इसका पता लगाया जाएगा.
चांद में पानी खोजेगा स्पेसक्राफ्ट
बता दें कि लूनर ट्रेलब्लेजर स्पेसक्राफ्ट को लॉकहीड मार्टिन के LMTN स्पेस डिविजन की ओर से बनाया गया है. इस सैटेलाइट रॉकेट पर एक सेंकेडरी पेलोड है, जिसमें प्राइमरी पेलोड इंट्यूटिव मशींस LUNR.O के साथ एक लूनर लैंडर मिशन है. माना जाता है कि चांद की सतह सूखी है, हालांकि पिछले कुछ दिनों में यहां पानी की मौजूदगी देखी गई है. खासतौर पर गर्म धूप वाले इलाकों पर भी पानी की मौजूदगी पाई गई है.
लूनर ट्रेलब्लेजर की खासियत
लूनर ट्रेलब्लेजर का वजन लगभग 200 किलोग्राम है. इसके सोलर पैनल के पूरे तरीके से तैनात होने पर इसकी चौड़ाई लगभग 3.5 मीटर होती है. इसका खासतौर पर चांद की सतह पर पानी की तलाश करने और उसका मैप बनाने के लिए भेजा जा रहा है. आने वाले समय में चांद को एक्सप्लोर करने के लिए इसका पानी बेहद अहम होगा. क्योंकि इसके पानी का इस्तेमाल न सिर्फ पीने बल्कि रॉकेट्स के लिए ऑक्सीजन और हाइड्रोजन फ्यूल के तौर पर भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है.
चांद से जुटाएगा अहम जानकारी
बता दें कि मिशन के एक हिस्से के रूप में इंट्यूटिव मशींस का लूनर लैंडर 6 मार्च 2025 को चांद के साउथ पोल के पास स्थित एक प्लैट्यू मॉन्स माउटन पर उतरेगा. लैंडर NASA की कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज ( CLPS) अभियान के तहत वैज्ञानिक उपकरण ले जाता है. NASA के मुताबिक IM-2 मिशन चांद के बारे में जरूरी डाटा इकट्ठा करेगा और भविष्य के अंतरिक्ष मिशन को आगे बढ़ाएगा.
इन उपकरणों का इस्तेमाल करेगा लूनर ट्रेलब्लेजर
PRIME-1 (पोलर रिसोर्सेज आइस माइनिंग एक्सपेरिमेंट-1)
यह चांद की सतह के नीचे खुदाई करेगा और वहां मौजूद बर्फ और मिट्टी की जांच करेगा. इसमें मौजूद TRIDENT उपकरण चांद की सतह पर खुदाई करके मिट्टी के नमूने इकट्ठा करेगा वहीं MSolo वोलाटाइल एलिमेंट्स की पहचान करेगा.
LRA (लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे)
यह उपकरण लेजर टेक्नीक के जरिए चांद पर एक स्थायी नेविगेशन मार्कर को स्थापित करेगा. इससे साइंटिस्ट चांद पर मौजूद लैंडर और बाकी यानों की सटीक स्थिति का पता लगाएंगे.
माइक्रो नोवा हॉपपर
यह ड्रोन चांद की सतह पर घूम-घूमकर हाई- रिजॉल्यूशन डाटा को इकट्ठा करेगा. साथ ही यह बिल्कुल अंधेरे में रहने वाले क्रेटरों की ओर जाकर वहां पर मौजूद संसाधनों की जानकारी भी जुटाएगा.
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