कभी वेटर का काम तो कभी साफ किए टॉयलेट, रईसी में अंबानी-अडानी को फेल करने वाले दुनिया के सबसे बड़े इस दिग्गज की कहानी।
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एआई चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एनवीडिया (Nvidia)चर्चा में है. चर्चा इसलिए क्योंकि इस कंपनी ने ऐपल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी का खिताब अपने नाम कर लिया है.
एआई चिप बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एनवीडिया (Nvidia)चर्चा में है. चर्चा इसलिए क्योंकि इस कंपनी ने ऐपल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी का खिताब अपने नाम कर लिया है. एनवीडिया ने माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) को पछाड़कर यह उपलब्धि हासिल की है. मंगलवार को कंपनी के शेयरों में 3.5 फीसदी की तेजी के साथ और कंपनी का मार्केट कैप 3.34 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया. इस साल एनवीडिया के शेयरों में 174 फीसदी का ग्रोथ आया है, जबकि पिछले साल यह 239 फीसदी चढ़ा था.
ऐपल, माइक्रोसॉफ्ट को पछाड़ा
एआई चिप की डिमांड हाल के दिनों में तेजी से बढ़ी है. जिसका फायदा एनवीडिया को हुआ है. दुनियाभर में एआई चिप की कुल सेल में एनवीडिया की हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी है. कंपनी ने हाल ही में घोषणा की थी कि साल 2026 में वो अपना सबसे एडवांस्ड एआई चिप प्लेटफॉर्म Rubin लॉन्च करेगी, जिसे सबसे पावरफुल चिप बताया जा रहा है. कंपनी ने दुनिया की दिग्गज कंपनियों को पीछे छोड़कर सबसे वैलूएबल का खिताब हासिल कर लिया. मंगलवार को एनवीडिया के शेयर में 3.5 फीसदी की तेजी ने उसे दुनिया की सबसे वैल्यूएबल कंपनी बना दिया. वहीं मंगलावर को माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों में 0.5 फीसदी और ऐपल (Apple) के शेयरों में 1.1 फीसदी गिरावट आई. इसके साथ ही माइक्रोसॉफ्ट 3.32 ट्रिलियन डॉलर के साथ अब दुनिया की दूसरी सबसे वैल्यूएबल कंपनी है। ऐपल 3.27 ट्रिलियन डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर है।
कौन हैं एनवीडिया का फाउंडर
एनवीडिया की नींव जेनसन हुआंग ने रखी थी. हुआंग का जन्म 1963 में ताइवान में हुआ था. उनका बचपन मुश्किलों भरा रहा. शुरुआती बचपन ताइवान और थाईलैंड में गुजरा, इसके बाद 1973 में उनके माता-पिता ने उन्हें अपने रिश्तेदार के पास अमेरिका भेज दिया. यहीं उनकी पढ़ाई-लिखाई हुई, जिसके बाद साल 1984 में ओरेगन यूनिवर्सिटी में उन्हें दाखिला मिल गया. यहां से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया. स्कॉलरशिप में उन्होंने 1992 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री हासिल की.
कभी किया वेटर का काम, कभी साफ किए टॉयलेट
एनवीडिया की शुरुआत से पहले जेनसेन हुआंग वेटर की नौकरी करते थे. खर्च निकालने के लिए उन्हें छोटे-मोटे काम करने पड़े थे. पढ़ाई के दौरान अपने खर्चों के लिए उन्होंने कुछ महीनों तक Denny’s रेस्टोरेंट में वेटर के तौर पर काम किया. एक इंटरव्यू के दौरान खुद हुआंग ने बताया कि उनके लिए कोई काम छोटा-बड़ा नहीं था. उन्होंने कभी टॉयलेट साफ किए तो भी दूसरों के कपड़े धोए. स्टैंडफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, कि उन्हें लिए कोई काम छोटा नहीं है. अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मैंने बर्तन धोता था, मैं टॉयलेट साफ किया करता था. दूसरों के कपड़े धोए, हालांरि मेरे लिए कोई भी काम छोटा नहीं था.
कैसे हुई एनवीडिया की शुरुआत
एक ऑफिस में काम करते हुए उन्हें चिप के बारे में बहुत कुछ सीखा. 30 साल की उम्र में उन्होंने अपने दो दोस्तों क्रिस मैलाचोव्स्की और कर्टिस प्रीम के साथ मिलकर एनवीडिया की शुरुआत की. वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक एनवीडिया की शुरुआत एक रेस्टोरेंट में हुई. साल 1993 में उन्होंने एनवीडिया की शुरुआत की. उन्होंने सबसे पहले ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट बनाया. सुबह 6 बजे से लेकर वो रातभर काम करते हैं, हर दिन 14-15 घंटे काम करते हैं. वो छुट्टियों और वीकेंड पर भी काम करते हैं. वो अपने कर्मचारियों के बीच मिलने-जुलने के लिए कैफे में सबसे साथ बैठकर लंच करते हैं. एक दौर वो भी आया, जब उनकी कंपनी दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई. उन्होंने मुश्किल न केवल कंपनी को संभाला, बल्कि दुनिया की मोल्ट वैल्यूएबल कंपनी बना दिया.
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