…तो शिंदे गुट के सांसद तीर-धनुष की जगह कमल के निशान पर चुनाव लड़ना चाहते हैं
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महाराष्ट्र की राजनीति: शिंदे गुट के कुछ सांसदों की राय है कि बीजेपी के लिए तीर-धनुष से ज्यादा कमल के निशान पर लड़ना फायदेमंद हो सकता है. ऐसे में अब सभी का निशाना इस बात पर है कि चुनाव के दौरान शिंदे गुट के सांसद क्या फैसला लेते हैं.
महाराष्ट्र पॉलिटिक्स: शिव सेना शिंदे ग्रुप से एक बड़ी खबर सामने आई है. राजनीतिक गलियारे में चर्चा चल रही है कि शिंदे गुट के कुछ सांसद आगामी लोकसभा चुनाव बीजेपी के सिंबल पर लड़ने के इच्छुक हैं. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनाव में कमल खिल चुका है. इसलिए ऐसी तस्वीर है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी का कमल खिलेगा. इसलिए कहा जा रहा है कि शिंदे गुट के कुछ सांसदों को लगता है कि तीर-धनुष की जगह कमल के निशान पर लड़ना ज्यादा फायदेमंद रहेगा.
शिवसेना में फूट के बाद 18 में से 13 सांसद शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं. लेकिन अब शिंदे गुट के कुछ सांसद बीजेपी के कमल निशान पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. ऐसे में सभी की नजर इस बात पर है कि आगामी लोकसभा चुनाव में शिंदे गुट के सांसद क्या फैसला लेंगे. शिंदे गुट के कुछ नेताओं का मानना है कि बीजेपी के कमल निशान पर लड़ना तीर-धनुष से ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. लोकसभा चुनाव में मोदी का नाम और कमल का निशान फायदेमंद हो सकता है. इसी के चलते चर्चा चल रही है कि शिंदे गुट के कुछ सांसद कमल के निशान पर लड़ना चाहते हैं.
आगामी लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में राज्य की राजनीति में घटनाक्रम शुरू हो गया है. साथ ही तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे भी बीजेपी के पक्ष में हैं. इसलिए चर्चा है कि कमल निशान के लिए अनुकूल माहौल है। इस पृष्ठभूमि में शिंदे गुट के नेताओं को लगता है कि अगर कमल के निशान पर चुनाव लड़ा जाए तो मोदी और बीजेपी की व्यवस्था को ज्यादा फायदा हो सकता है. इसीलिए शिंदे गुट के कुछ सांसद मन ही मन घूम रहे हैं. हालांकि तस्वीर तो आने वाले समय में साफ हो जाएगी, लेकिन शिंदे गुट के कई सांसदों को अब लगता है कि कमल के निशान पर चुनाव लड़ना फायदेमंद हो सकता है.
शिवसेना में फूट के बाद 18 में से 13 सांसद शिंदे गुट में शामिल हो गए. इनमें श्रीकांत शिंदे, राहुल शेवाले, हेमंत पाटिल, प्रतापराव जाधव-कृपाल तुमाने, भावना गवली, श्रीरंग बारणे, संजय मांडलिक, दर्शील माने, सदाशिव लोखंडे, हेमंत गोडसे, राजेंद्र गावित और गजानन कीर्तिकर शामिल हैं। इस बीच सबका ध्यान इस बात पर है कि शिंदे गुट के कुछ सांसदों की मांगों पर बीजेपी किस तरह से प्रतिक्रिया देगी.
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