TCS पर लगे गंभीर आरोप, कई अमेरिकी कर्मचारियों ने कहा- कंपनी हमारे साथ करती है भेदभाव, भारतीयों का लेती पक्ष।
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देश की दिग्गज आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के खिलाफ भारतीय कर्मचारियों का पक्ष लेने और अमेरिकी कर्मचारियों के साथ भेदभाव करने के गंभीर आरोप लगे हैं.
भारत की सबसे बड़ी आईटी आउटसोर्सर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के खिलाफ नस्लीय भेदभाव के दर्जनों आरोपों के बाद अमेरिकी समान रोजगार अवसर आयोग (EEOC) ने जांच शुरू की है. अमेरिकी कर्मचारियों ने कंपनी पर आयु, नस्ल और राष्ट्रीय मूल के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी पर ये आरोप आमतौर पर 40 साल से अधिक उम्र के प्रोफेश्नल्स ने लगाए हैं. कई पूर्व कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी ने एच-1बी वीजा पर काम करने वाले व कई अन्य भारतीयों को काम पर रखा, जबकि गैर दक्षिण एशियाई कर्मचारियों की छंटनी कर दी.
कंपनी ने खुद पर लगे आरोपों से किया इनकार
दुनियाभर में TCS में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 6,00,000 से ज्यादा है. कंपनी ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इन्हें बेबुनियाद और भ्रामक करार दिया है.
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, टीसीएस का अमेरिका में समान अवसर प्रदान करने वाले नियोक्ता होने का एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है. कंपनी का कहना है कि वह किसी भी गलत काम में शामिल नहीं है और वीजा नियमों का भी उल्लंघन नहीं कर रही है.
इधर, EEOC की जांच जारी है और शिकायतें गोपनीय रखी गई हैं, इनका सार्वजनिक रूप से खुलासा नहीं किया गया है. हालांकि, ब्लूमबर्ग न्यूज के मुताबिक, ईईओसी की ये जांच पूर्व राष्ट्रपति बिडेन के प्रशासन के दौरान शुरू हुई थी और वर्तमान राष्ट्रपति ट्रंप के अधीन जारी रही है. हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं है जब टीसीएस जांच के दायरे में आया है. इससे पहले भी ब्रिटेन के तीन पूर्व कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ भेदभाव के ऐसे ही आरोप लगाए थे. तब भी कंपनी ने इन आरोपों से इनकार किया था.
कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस पर लग चुके आरोप
साल 2020 में आईईओसी ने एक दूसरी भारतीय आउटसोर्सिंग फर्म कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस कंपनी के खिलाफ जांच की थी. इस कंपनी के खिलाफ भी गैर भारतीय कर्मचारियों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगे थे.
जांच में पाया गया कि कंपनी ने 2013 और 2022 के बीच 2,000 से अधिक गैर-भारतीय कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया था. इसके बाद कंपनी के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया. जनवरी में राष्ट्रपति ट्रंप ने एंड्रिया आर लुकास को ईईओसी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया. अब उनके नेतृत्व में एजेंसी अमेरिकी श्रमिकों के खिलाफ भेदभाव को दूर करने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर दिए हैं.
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