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    May 9, 2025

    PM के काफिले जैसी सुरक्षा, 250 KM लंबा ग्रीन कॉरिडोर, देखें कैसे 12 कंटेनरों में पीथमपुर पहुंचा यूनियन कार्बाइड का वेस्ट।

    1 min read
    😊

    मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे को 40 साल बाद शहर से बाहर कर दिया गया. इसे बाहर करने के लिए पीएम के काफिले जैसी सुरक्षा था, 12 कंटेनरों में भरकर इसे पीथमपुर पहुंचाया गया. तस्वीरों में देखें कैसे पीथमपुर पहुंचाया गया वेस्ट कचरा.

    भोपाल को कल यानि की 1 जनवरी को जहरीले कचरे से राहत मिली है, इसे पीथमपुर पहुंचाया गया है. इसे ले जाने के लिए PM के काफिले जैसी सुरक्षा रही और 250 KM लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था.

    दुनिया की सबसे बड़ी त्रासदी भोपाल गैस कांड के लिए जिम्‍मेदार यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे को 40 साल बाद शहर से बाहर कर दिया गया. यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के अंदर मौजूद 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को पीथमपुर भेज दिया गया.

    भारी सुरक्षा के बीच बुधवार रात करीब 09 बजे 12 कंटेनरों में लादकर इन्हें राजधानी भोपाल से बाहर ले जाया गया. इन कंटेनरों के साथ-साथ सुरक्षा के लिहाज से पुलिस, एंबुलेंस और दमकल की गाड़ियां तैनात रहीं. कचरे को सुरक्षित पीथमपुर पहुंचाने के लिए राजधानी भोपाल से पीथमपुर तक 250 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. इस दौरान सुरक्षा की सभी मानकों का खास ख्याल रखा गया

    हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस जहरीले कचरे को नष्ट करने भोपाल से करीब 250 किलोमीटर दूर पीथमपुर भेजा गया है. इस दौरान भोपाल पुलिस के 50 जवानों ने पूरे 250 किलोमीटर लंबे ग्रीन कॉरिडोर की निगरानी की. इसके साथ ही, एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी पूरे रूट पर तैनात रहे.

    कचरे को लेकर सीएम डॉ मोहन यादव ने पीसी भी की और उन्होंने कहा कि उस घटना को जब मैं याद करता हूं तो आज भी सिहर जाता हूं ,जब यह घटना हुई उसके कई दिनों तक भोपाल में दहशत का माहौल था. सरकार ने संवेदनशीलता के साथ निर्णय लिया और भोपाल से 337 मैट्रिक टन कचरा को हटाया, भोपाल के लोग 40 साल से उस कचरे के साथ भोपाल में रहते आए हैं.

    सीएम ने कहा वैज्ञानिकों के अनुसार इस तरह के रासायनिक का प्रभाव 25 साल में खत्म हो जाता है इसको तो चालीस साल हो गए हैइसीलिए किसी को डरने की जरूरत नहीं है,क्योंकि जब इस कचरे के निस्तारीकरण का निर्णय लिया है तो कई एजेंसियों के सर्वे के बाद लिए गया है.

    धार के पीथमपुर में भोपाल से यूनियन कार्बाइड का कचरा पहुंचने में बाद अब आसपास में लोग इलाको के रहवासियों में डर का माहौल है, लोगों का कहना है कि इसे जानने के बाद रातभर से कोई सोया नहीं है, बता दें कि पीथमपुर में इस कचरे का नष्टीकरण कार्रवाई की जाएगी.

    यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से निकले जहरीले कचरे को फेंकने पर भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया है कि, ‘लगभग 250 किमी लंबे ग्रीन कॉरिडोर से इसे 6-7 घंटों में स्थानांतरित किया गया है. जिसमें लगभग 50 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. यह 40 साल पहले हुई त्रासदी का बचा हुआ औद्योगिक कचरा था.आने वाले दिनों में एक एसओपी द्वारा नष्ट कर दिया जाएगा.

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