सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है, जिसमें ‘भारत’ ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार के समक्ष दुविधा की ओर संकेत किया है।
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‘भारत’ गठबंधन में शामिल मुख्य दलों कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) और शिवसेना (ठाकरे गुट) ने केंद्रीय चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।
नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र एक अवकाश के बाद सोमवार को फिर से शुरू हो रहा है और विपक्ष वक्फ संशोधन विधेयक तथा मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं को लेकर केंद्र सरकार को घेर सकता है। वित्त विधेयक और मणिपुर के बजट को केन्द्र सरकार से अनुमोदित कराने को प्राथमिकता दी जाएगी। बजट सत्र के पहले भाग की तरह ‘भारत’ गठबंधन ने संकेत दिया है कि वह सत्र के बाकी भाग में भी केंद्र सरकार की अमेरिकी नीति को लेकर मोदी सरकार को शर्मिंदा करने की कोशिश करेगा।
‘भारत’ गठबंधन में शामिल मुख्य दलों कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) और शिवसेना (ठाकरे गुट) ने केंद्रीय चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। तृणमूल कांग्रेस ने अब आरोप लगाया है कि देश भर में कई मतदाता पहचान पत्रों का नंबर एक ही है। इसके साथ ही डीएमके ने जनगणना और निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाया है।
केंद्र सरकार द्वारा विवादास्पद वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा और इसके खिलाफ ‘भारत’ गठबंधन के घटक दलों द्वारा संयुक्त रणनीति तय की जाएगी। कांग्रेस विपक्षी दलों के नेताओं के साथ इस पर चर्चा कर सकती है। 14 संशोधनों की सिफारिशों के साथ संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की गई। इस रिपोर्ट को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया है और इसके आधार पर लोकसभा में नया वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा।
इसके अलावा मणिपुर में फिर से शुरू हुई हिंसा और अमेरिका द्वारा लगाए गए अतिरिक्त आयात शुल्क के बोझ का मुद्दा भी विपक्ष संसद में उठा सकता है। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद केंद्र सरकार को राज्य का बजट संसद से पारित कराना होगा। वित्त विधेयक के अवसर पर अमेरिका के साथ होने वाली व्यापार एवं वाणिज्य चर्चाओं पर भी विपक्ष द्वारा दोनों सदनों में प्रश्न उठाए जा सकते हैं, जो केंद्र सरकार के लिए समस्या उत्पन्न कर सकते हैं।
मांगें, विधेयक को मंजूरी देने पर जोर
संसद का बजट सत्र 4 अप्रैल तक चलेगा, जिसके दौरान केंद्र सरकार की प्राथमिकता सब्सिडी वाली मांगों और वित्त विधेयक को पारित कराना होगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के बजट में 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को कर-मुक्त करके देश के समूचे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी। इस घोषणा के बाद भाजपा ने 26 साल बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव जीता। इसलिए, सत्तारूढ़ पार्टी अधिक आक्रामक होगी।
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