सेबी भी अब इस प्रक्रिया को गति देने के लिए ‘एआई’ पर ध्यान दे रहा है! दावा है कि एक दर्जन से अधिक परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
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सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच ने शुक्रवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को मंजूरी देने में लगने वाले समय को कम करने की कंपनी की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि इसमें तेजी लाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया के बारे में एन.आई.एस.एम. द्वारा आयोजित सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बताया गया।
मुंबई: सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच ने शुक्रवार को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को मंजूरी देने में लगने वाले समय को कम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि इसके लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए उन्होंने एनआइएसएम द्वारा आयोजित सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में यह बात कही।
बाजार नियामक वर्तमान में एसएमई आईपीओ को हरी झंडी देने में तीन महीने तक का समय ले रहे हैं, जबकि बैंक 15 मिनट के भीतर ऋण प्रस्तावों को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाजार नियामक भी इस प्रक्रिया में अधिक से अधिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहता है। उन्होंने यह भी कहा कि सेबी के पास नये आईपीओ के लिए आवेदनों की बाढ़ आ गयी है।
बुच ने कहा कि विभिन्न पहलुओं पर बहुत तेजी से काम करने के लिए सेबी की कुछ ओर से आलोचना भी की जा रही है, लेकिन विकास के मोर्चे पर हमारी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए यह गति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सेबी में बड़ी संख्या में एआई-संचालित परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं और एआई के उपयोग का एक प्रमुख पहलू सभी आवेदनों का तेजी से प्रसंस्करण है।
बाजार से धन उगाहने में 21 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है
बुच ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में पूंजी बाजारों से इक्विटी और ऋण प्रतिभूतियों के जरिए कुल धन उगाही करीब 21 प्रतिशत बढ़कर 14.27 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2024 में धन उगाहने की मात्रा 11.8 लाख करोड़ रुपये थी।
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में दिसंबर तक विभिन्न कंपनियों ने इक्विटी के जरिए 3.3 लाख करोड़ रुपये और ऋण प्रतिभूतियों के जरिए 7.3 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिससे कुल जुटाई गई राशि 10.7 लाख करोड़ रुपये हो गई है। उन्होंने कहा कि यदि शेष तिमाही (चौथी तिमाही) का अनुमान लगाया जाए तो हम निश्चित रूप से 14 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि तक पहुंच जाएंगे। बुच की प्रस्तुति में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 14.27 लाख करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया है।
नगरपालिका बांड के लिए फसल कटाई के दिन
रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आरईआईटी), इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आईआईटी) और म्यूनिसिपल बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई धनराशि 10,000 करोड़ रुपये है, और वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों में जुटाई गई धनराशि में उनकी हिस्सेदारी नगण्य है। लेकिन उन्होंने यह भी विश्वास के साथ कहा कि आने वाले दशकों में इन्हीं साधनों में वृद्धि, स्टॉक और बांड जारी करके बाजार से जुटाई गई धनराशि से अधिक होगी।
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