ब्रिटिश नेवी में अब दिखेगा साड़ी का स्वैग, अंग्रेजों के देश में छाया इंडिया का जलवा।
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ब्रिटेन की रॉयल नौसेना की ओर से महिला अधिकारियों के लिए उनके ड्रेस कोड में साड़ी जैसे भारतीय परिधानों को जगह दी है. अब इसको लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया सामने आई है.
ब्रिटेन की रॉयल नौसेना ने अपनी महिला अधिकारियों के लिए साड़ी, सलवार कमीज और लहंगे को अपने सांस्कृतिक ड्रेस कोड में शामिल किया है. ब्रिटिश नौसना ने यह फैसला अपने ड्रेस को अधिक समावेशी बनाने के लिए लिया है. इस नए ड्रेस कोड के तहत अब महिला अधिकारी किसी भी औपचारिक इवेंट के मौकों पर मेस जैकेट के नीचे साड़ी समेत बाकी सांस्कृतिक पोशाक पहन सकती हैं.
शेयर की जानकारी
ड्रेस कोड को लेकर रॉयल नेवी रेस डायवर्सिटी नेटवर्क (RDN) के अध्यक्ष लांस कार्पोरल जैक कनानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डिन पर जानकारी शेयर की है. इसके साथ ही उन्होंने एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें कैप्टन दुर्दाना अंसारी जैकेट के नीचे साड़ी पहनीं हुई नजर आ रही हैं. बता दें कि महिलाओं को सा़ड़ी के उपर ब्लैक बो और व्हाइट शर्ट भी पहनना होगा.
महिलाओं की ली गई राय
कनानी के मुताबिक मौजूदा नीति में पहले ले ही आयरिश, स्कॉटिश, कॉर्निश, वेल्स और मैनक्स विरासत को टार्टन और किल्ट्स ड्रेस पहनने की अनुमति है. वहीं अब रॉयल नेवी में सेवा दे रहीं अन्य ब्रिटिश सांस्कृतियों को भी इसमें शामिल किया गया है. कनानी ने कहा कि नीति में संशोधन से पहले महिलाओं से उनकी राय पूछी गई थी.
पोस्ट पर प्रतिक्रिया
कनानी की पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आने लगी है. कई लोग इस पर आपत्ति भी जाहिर कर रहे हैं. कुछ रूढ़ीवादी लोगों का कहना है कि सशस्त्र सेवाओं का मकसद एक जैसा होना, एक जैसा दिखना, एक जैसा महसूस करना और एक जैसा लड़ना है. यह वोक कल्चर बेहद दूर चला गया है. वहीं कई लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे अधिकारियों को अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान बनाए रखने और सेवा करने की अनुमति मिली है. वहीं पूर्व परमाणु पनडुब्बी कमांडर रियर एडमिरल फिलिप माथियास ने कहा,’ एक अनुशासित युद्ध सेवा में वर्दी का कारण एक सामान्य पहचान हासिल करना है न कि मतभेदों को बढ़ाना.’ नौसेना ने ऐसा करके खुद को उपहास का पात्र बनाया है.
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