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    April 16, 2025

    संदीप टिलेकर ने ग्रामिण क्षेत्र के हजारो छात्रों को जिवन में सफल बनाया है।

    1 min read
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    सामान्य छात्रों को टाॅपर बनाने वाली गुरूकूल अकॅडमी बनी है महाराष्ट्र की सबसे जानीमानी अकॅडमी, जहाॅ 10 हजार से अधिक छात्र शिक्षा ले चुके है  |
    संदीप टिलेकर
    संदीप टिलेकर जी ने कडी मेहनत, लगन और परिश्रम से एमए, एमएड, एमफील, सेट, पीएचडी, जैसी अन्य डिग्रीया हासील की है, पिछलें 17 वर्षो से वे निरंतर शिक्षा के इस प्रवाह में चलते जा रहे

    Director – Sandeep Tilekar

    है! उन्हे उनकी पीताजी से मिले संस्कारों के साथ वे जिवन में आगे बढ रहे है, और सफलता के सारे मुकाम हासील कर रहे है! संदीप जी के पीता ने एक चपरासी के रूप में जिवन में कदम रखा खा, बाद में वे क्लर्क  बने और फिर एक आदर्श शिक्षक, उन्होंने 1976 से 2009 तक शिक्षा की राह में एक आदर्श स्थापीत कीया, साथ ही उनकी पत्नी रतन टिलेकर जी को 10 वी से लेकर डिएड् तक पढायाॅ और उन्होंने जिवन के 38 साल एक आदर्श मुख्याध्यापक के रूप में शिक्षा क्षेत्र में सेवा की!

    माता पीता की साधारण परिस्थिती होने के बावजुद उन्हे लोंगों का सहयोग मिला और वे अपने परीवार को उचीत शिक्षा देने में सफल हो सके, उन्होंने परिवार में 16 शिक्षक तैयार कीए, बच्चों को डाॅक्टर और इंजिनीयर बनाया! और एक उच्चशिक्षीत परिवार के रूप में समाज में एक उचीत स्थान निर्माण किया!
    उन्हीकें आशीवार्द और आदर्श को सामने रखते हुए संदीपजी 26 वर्ष की आयुमें ही प्रींन्सीपल बने, उन्होंने 2008 में गुरूकूल करिअर अकॅडमी की स्थापना की, और डि.एड, सिईटी के क्लासेस लेना प्रारंभ किया, उसवक्त कुल 55 छात्रों में 54 छात्र शिक्षक बनकर सेवा में कार्यरत है, और उनमें से पहला नंबर प्राप्त करनेवाले प्रशांत खेडेकर ने एम.पी.एस.सी की पढाई कर मंत्रालय मे सचिव के पद पर कार्य संभाला, जिस्सै  संदीप जी गौरव का अनुभव प्राप्त हुआ! और वही से  अकॅडमी का विकास तेज गती से होने लगा!
    2009 में उनके जिवन में जिवनसाथी के रूप में  प्रा.उषाजी का आगमन हुआ, शादी में दहेज के बदले किताबों की एक बडी सी लायब्ररी उन्होंने तैयार की, और वहीसी गुरूकूल अकॅडमी का जनम हुआ, 2012 से 1 ली कक्षा से 12 वी सायन्स तक क्लासेस शुरू किए, 2014 से नीट, सीईटी, जेईई का मागदर्शन देना शुरू कीया, उन्होंने 12 तहसील में जाकर 40 से 45 काॅलेज  में छात्रों को जागृत कीया, साथ ही घर घर जाकर छात्रों के मातापीता को काॅम्पीटेटीव्ह एक्झाम के बारे में समझाया, और उन्हे प्रेरीत कीया! इतना ही नही छात्रों कों उनके प्रवेश लेने तक उन्होंने पुरा सहयोग दिया!
    2020 से 2022 तक कोरोना महामारी की वजह से उन्हें अकॅडमी बंद करनी पडी तो उन्होंने सासवड में निवासी तरीके से अकॅडमी की शुरूआत की! आज तक अकॅडमी में 2 से 3 हजार छात्र पढाई कर चुॅके है, यहाॅं के छात्रों को मेडीकल, डीफार्मसी, बीफार्म, इंजिनीयरींग, अग्री जैसी शाखाओं में आसानासे ऐडमिशन  मिला है!
    गुरूकूल अकॅडमी में ग्रामिण क्षेत्र के सामान्य छात्रों ने पढाई कर अपने जिवन में बडा परिवर्तन लाया है, और अकॅडमी ने उन्हें सफलता के उॅचाईयों पर पहुॅचाया है! आजतक 140 गांवों के 45 काॅलेज से 8000 छात्रों को गुरूकूल के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है! सासवड में निवासी एवं आदिवासी छात्रों के लिए अकॅडमी ने एक ही जगह क्लासेस चलाने के फैसला लिया है! अकॅडमी ने 1 एकड जमीन पर मार्गदर्शन  केंद्र तैयार कीया है, जहाॅ निरंतर छात्रों को पढाया जाता है, उन्हे पढाने के लिए विशेषज्ञ, तज्ञ प्राध्यापक, ग्रंथालय, छात्रनिवास जैसी अन्य सुविधाए प्रदान की जाती है! यहाॅ छात्र एवं छात्राए दोनों ही अपने सुनहरे भविष्य का सपना सजाते है!
    गुरूकूल अकॅडमी में हर साल 300 से 400 लडके लडकीयाॅ शिक्षा लेने आते है! यहाॅ सामाजिक स्तर पर जरूरतमंद छात्रों को सहयोग भी दिया जाता है, अकॅडमी की और से लडके लडकीयों के लिए स्वतंत्र छात्र निवास की व्यवस्था की गई है! यहाॅ अनुशासन, संस्कार, और शिक्षा को अधिक महत्व दिया जाता है! भोजन करते समय बिना मंत्र या श्लोक छात्र यहाॅ भोजन नही करते क्यों की उन्हे संस्कारमय जिवन जीना सिखायाॅ जाता है, यहाॅ तक की पढाई पर ध्यान देने हेतू छात्रों को मोबाईल का इस्तेमाल करना मना है!
    अकॅडमी में एम एचटी सीईटी, जेईई, नीट, एन.डी.ए, नाटा जैसी स्पर्धा परिक्षाओं की पढाई की जाती है, और छात्रों को मार्गदर्शन दिया जाता है! 5 वी से 8 वी कक्षा के छात्रों के लिए जवाहर नवोदय प्रवेश परिक्षा मागदर्शन, सैनिक स्कुल प्रवेश परिक्षा मार्गदर्शन , शिष्यवृत्ती परिक्षा मागदर्शन कार्यक्रम चलाये जाते है!
    सामान्य बच्चों को उच्चस्तरीय शिक्षा प्रदान करने का संकल्प लेकर अकॅडमी आज भी निंरतर शिक्षा के इस महायज्ञ को चला रहे है! छात्रों को गुणवत्तापुर्ण शिक्षा यहाॅ दि जाती है जिसके कारण वे हमेंशा टाॅपर रहकर अकॅडमी का नाम रोशन करते है!
    अकॅडमी में 3 व्यवस्थापक, 10 अध्यापक, 16 गेस्ट लेक्चरर, 8 से 10 लोगों का ऑफिस  स्टाफ, अन्य 10 आमंत्रीत प्रशिक्षक इन सभी का सहयोग है, और अकॅडमी का नाम दिनप्रती प्रचलीत हो रहा है!
    भविष्य में भारत की सर्वोत्तम शिक्षा देनेवाली अकॅडमी बनने का संकल्प लेकर वे निरंतर प्रगती की दिशा में कदम बढा रहे है, ग्रामिण क्षेत्र के छात्रों के लिये शायद ही कोई एैसी अकॅडमी हो जो उनके विकास और प्रगती के लिए सर्मपीत हो, गुरूकूल केवल छात्रो को ज्ञान ही नही देता, गुरूकूल में छात्र अपने आर्थिक स्तर को उॅचा करने का मंत्र भी सिखते है और भविष्य की सुनहरी तस्वीर से  सजा सकते है! आत्मविश्वास के साथ उनके जिवन मे आगे बढ सकेते है, सामान्य छात्रों का बेहतर भविष्य और उन्हे टाॅपर बनाने वाले शिक्षा के इस मंदीर को हम रिसील की और से नमन करते है!
    Writer : Sachin R Jadhav

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