फ्लाइट टिकट में ही चली जाएगी सैलरी, 5 साल में कैसे डबल हो गया किराया?
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कोविड काल के बाद से हवाई किराये में 85% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे आम यात्री के लिए सफर करना पहले से कहीं ज्यादा महंगा हो गया है.
अगर आप भी अक्सर हवाई सफर से यात्रा करते हैं तो यह खबर आपके लिए है. हवाई सफर करने वाले यात्रियों के लिए आने वाले दिन महंगे साबित हो सकते हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट में ‘एविएशन’ शब्द का जिक्र तक नहीं किया गया, इसके बावजूद इंडिगो और स्पाइसजेट के शेयरों में तेजी देखी गई.
अब आप सोच रहे होंगे कि जब बजट में एविएशन सेक्टर का कोई जिक्र तक नहीं था तो कंपनियों के शेयर प्राइस क्यों बढ़े? और शेयर प्राइस बढ़ने का किराया बढ़ने का क्या कनेक्शन है? इसका जवाब है- इनकम टैक्स में दी गई राहत. सरकार के इस कदम से एयरलाइन कंपनियों को उम्मीद है कि अब ज्यादा लोग हवाई सफर करेंगे, छुट्टियों पर पैसा खर्च करेंगे और बड़े इवेंट्स के लिए टिकटों की मांग बढ़ेगी.
कोविड काल के बाद से 85 प्रतिशत बढ़ा किराया
हालांकि, क्या यह वास्तव में सच साबित होगा? मौजूदा परिस्थितियों में हवाई सफर की बढ़ती कीमतें इस उम्मीद को झटका दे सकती हैं. संसद में भी हवाई किरायों की बढ़ती कीमतों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि 2020 यानी कोविड काल के बाद से हवाई किराये में 85% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे आम यात्री के लिए सफर करना पहले से कहीं ज्यादा महंगा हो गया है.
विशेषज्ञों का भी मानना है कि भारत में एविएशन सेक्टर की ग्रोथ जितनी आसान दिखती है, उतनी है नहीं. यह कई वैश्विक कारकों पर निर्भर करती है. 2023 में एयर ट्रैफिक ग्रोथ सिर्फ 6% रही, जबकि आमतौर पर यह डबल डिजिट में होती थी. बीते 10 सालों के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एयर ट्रैफिक की ग्रोथ आमतौर पर देश की जीडीपी से 1.5-2 गुना ज्यादा होती थी, लेकिन अब इसमें कमी देखी जा रही है.
हालांकि, इस गिरावट की एक वजह हवाई जहाजों की कमी भी है. इंडिगो के 60 से ज्यादा विमान ग्राउंडेड हैं क्योंकि उनके इंजन में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं. स्पाइसजेट नकदी संकट के कारण अपने बेड़े को एक-तिहाई तक घटा चुका है. वहीं, अकाशा एयर, जो मार्च तक 35 विमानों को उड़ाने का लक्ष्य लेकर चल रही थी, अभी तक सिर्फ 27 विमानों पर अटकी हुई है क्योंकि बोइंग विमान मैन्युफैक्चरिंग करने में देरी कर रहा है.
3500 से 6500 रुपये पहुंचा किराया
फिलहाल भारत में हर दिन करीब 3200 फ्लाइटें उड़ रही हैं, जिनमें लगभग 5 लाख यात्री सफर करते हैं. 90% तक सीटें बुक हो जाती हैं, जिससे एयरलाइंस के लिए किराया कम करने का कोई खास कारण नहीं बचता. यही वजह है कि 2019 में जहां औसत हवाई किराया 3500 रुपये था, वह अब 6500 रुपये तक पहुंच चुका है.
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक एयरलाइंस की क्षमता नहीं बढ़ेगी, तब तक किरायों में राहत मिलना मुश्किल है. एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 8200 करोड़ रुपये की कमाई की है. कंपनी की यह रिकॉर्ड तोड़ कमाई दर्शाती है कि लोग बढ़े हुए किराए चुकाने को तैयार हैं.
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