संधिवात के कारण सायना नेहवाल संन्यास पर विचार कर रही हैं।
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सायना नेहवाल, जिन्होंने लंदन ओलंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था, उन्होंने अपनी सेहत से जुड़ी अहम जानकारी साझा की है। भारत की इस शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी को संधिवात (आर्थराइटिस) की समस्या हो रही है, जिसके चलते उन्हें इस साल के अंत तक अपने बैडमिंटन करियर के भविष्य के बारे में निर्णय लेना पड़ सकता है। बीमारी के कारण उन्हें अभ्यास करने में कठिनाई हो रही है। सायना नेहवाल बैडमिंटन में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। उन्होंने लंदन ओलंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। सायना ने अब तक तीन बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, लेकिन अब संधिवात के दर्द के कारण वह संन्यास पर विचार कर रही हैं।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 और 2018 में उन्होंने बैडमिंटन के महिला सिंगल्स में स्वर्ण पदक जीता था। सायना का बैडमिंटन करियर अब अपने अंतिम चरण में है। इस पर उन्होंने एक इंटरव्यू में भी बात की है। ओलंपिक पदक विजेता भारतीय शूटर गगन नारंग के पॉडकास्ट ‘हाउस ऑफ ग्लोरी’ में सायना ने कहा, “मेरे घुटनों की हालत बहुत अच्छी नहीं है। मुझे संधिवात है, इसलिए मुझे 8 से 9 घंटे खेलना, अभ्यास करना संभव नहीं हो पा रहा है।”
सायना ने कहा, “संधिवात के दर्द के साथ आप दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को चुनौती कैसे देंगे? आप उनके सामने कैसे टिक पाएंगे? मुझे आज नहीं तो कल इस बात को स्वीकार करना होगा। क्योंकि दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों के खिलाफ खेलने के लिए सिर्फ 1 से 2 घंटे अभ्यास करना पर्याप्त नहीं होगा। इसके लिए रोज 8 से 9 घंटे देने होंगे, जो संधिवात के कारण संभव नहीं है। मैं संन्यास के बाद क्या करूंगी, इस पर भी विचार कर रही हूं। लेकिन मुझे जो भी भविष्य में करना है, उसे स्वीकार करना होगा।”
पिछले एक साल से अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन से दूर: भारतीय बैडमिंटन की ‘फुलरानी’ के नाम से मशहूर सायना नेहवाल भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं। वह पिछले एक साल से अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन से दूर हैं। पिछले साल सिंगापुर ओपन में वह आखिरी बार बैडमिंटन कोर्ट पर दिखाई दी थीं। उस प्रतियोगिता के पहले ही दौर में सायना का सफर खत्म हो गया था।
यह निर्णय पीड़ादायक होगा: सायना ‘फुलरानी’ ने कहा, “मैं इस समय संन्यास लेने के विचार में हूं। यह निर्णय बहुत पीड़ादायक होगा, क्योंकि यह किसी सामान्य व्यक्ति की नौकरी छोड़ने जैसा है। मुझे पता है कि एक खिलाड़ी का करियर छोटा होता है, इसलिए मैं कुछ चीजों के लिए मानसिक तैयारी कर रही हूं।”
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