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    April 22, 2025

    युद्ध में जूझ रहे रूस से संभलता नहीं था देश, अमेरिका को कौड़ियों के दाम बेची थी अपनी जमीन।

    1 min read
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    Interesting Facts About Russia: आज भले ही रूस दुनिया में अपना दबदबा बनाने की कोशिश में हरसंभव कोशिश कर रहा है. इसके लिए 3 साल से खुद को जंग के मैदान में झोंके हुए है लेकिन पहले ऐसा नहीं था. एक वक्‍त रूस को अपनी जमीन तक बेचनी पड़ी थी.

    बीते 3 साल से रूस पूरी दुनिया में चर्चा में है और वजह है इसका यूक्रेन के साथ युद्ध और रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की आक्रामक नीतियां. रूस-यूक्रेन के युद्ध ने भारी तबाही मचाई है, लाखों जानें ली हैं. अमेरिका के खासे दवाब के बाद भी पुतिन युद्ध खत्‍म करने के लिए तैयार नहीं है. आज जो रूस इतना अकड़ रहा है, एक वक्‍त ऐसी हालत थी कि रूसी सरकार से अपना देश तक नहीं संभलता था. आलम यह था कि रूस ने मजबूरी में अमेरिका को अपनी जमीन कौड़ियों के दाम बेच दी थी.

    दुनिया का सबसे बड़ा देश है रूस
    क्षेत्रफल के मामले में रूस दुनिया का सबसे बड़ा देश है. रूस इतना बड़ा है कि पृथ्‍वी पर जितनी जमीन है, उसका 10 फीसदी हिस्‍सा केवल रूस के पास है. रूस इतना बड़ा है कि अगर आप इसके एक छोर से दूसरे छोर तक जाएंगे तो आपको 11 बार अपनी घड़ी का समय बदलना पड़ जाएगा. यहां टाइम जोन का इतना फर्क है कि रूस में एक ही समय में देश के हिस्‍से में दिन होता है तो दूसरे हिस्‍से में रात होती है. साथ ही रूस के एक हिस्‍से से दूसरे हिस्‍से में जाने के लिए दुनिया की सबसे लंबे रूट की ट्रेन का सफर भी करना होगा, जिसका नाम है ट्रांस साइबेरियन ट्रेन रोड. ये ट्रेन 9 हजार किलोमीटर का सफर तय करती है और 8 टाइम जोन से गुजरती है.

    अमेरिका को बेच दिया था अलास्‍का
    एक समय में जो अलास्‍का रूस का स्वर्ग हुआ करता था, उसे ही रूस ने बेहद कम दाम में अमेरिका को बेच दिया था. 30 मार्च 1867 को अमेरिका ने सोवियत यूनियन से अलास्का खरीदा अमेरिका ने अलास्का मात्र 72 लाख डॉलर यानी 45 करोड़ 81 लाख रुपये में खरीदा था.

    खजाना साबित हुआ अलास्‍का
    एक तो अमेरिका ने इतने कम दाम में रूस से अलास्‍का खरीदा, जो उसके लिए पहले ही किसी लॉटरी से कम नहीं था. लेकिन इसके बाद तो अमेरिका का मानो जैकपॉट लग गया. दरअसल, अलास्का में तेल के भंडार हैं. यहां सोने और हीरे की खदानें हैं. इसके चलते इसे अमेरिका का ‘खजाना’ कहा जाता है. हालांकि रूस की जनता इसके खिलाफ थी. इसके बावजूद रूस के जार अलेक्जेंडर ने 30 मार्च 1867 को अलास्का बेचने के डॉक्यूमेंट्स पर साइन कर दिए थे.

    करीब 1,717,856 किमी में फैले अलास्का को अमेरिका को बेचने का पछतावा आज भी रूस है. क्‍योंकि अलास्‍का में इतना बड़ा नैचुरल गैस और पेट्रोलियम पदार्थ का भंडार है कि अमेरिका की 20 फीसदी खपत का इंतजाम केवल अलास्‍का से हो जाता है. इसके अलावा सोने-हीरे की खदानों, फिशिंग और टूरिज्म से भी भारी आय होती है. कुल मिलाकर अलास्‍का अमेरिका के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी साबित हुआ है.

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