वाम के गढ़ में संघ का ‘भागवत’ समागम, 3 दिन के महामंथन में क्या-क्या तय होगा?
1 min read
|








वामपंथियों के एकमात्र बचे गढ़ केरल में कामरेडों की टेढी नजर के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का सालाना मंथन शुरू हो गया है. इस दौरान देशभर के कई राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न विषयों पर चर्चा करके आगे की रणनीति तय की जाएगी.
वामपंथियों के एकमात्र बचे गढ़ केरल में कामरेडों की टेढी नजर के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का सालाना मंथन शुरू हो गया है. इस दौरान देशभर के कई राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न विषयों पर चर्चा करके आगे की रणनीति तय की जाएगी. पलक्कड़ जिले में तीन दिवसीय समन्वय बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत पहुंच गए हैं. RSS ने यह भी कहा कि वह उन पहल पर चर्चा करेगा जो 2025 में संगठन के शताब्दी वर्ष पूरे होने के मौके पर शुरू करने का उसका इरादा है.
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने संवाददाताओं को बताया कि अखिल भारतीय समन्वय बैठक 31 अगस्त, एक और दो सितंबर को आयोजित की जाएगी और इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत और छह संयुक्त महासचिव भाग लेंगे.
उन्होंने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इसके अलावा बैठक में लगभग संघ के 32 आरएसएस अनुशांगिक संगठनों की भागीदारी भी होगी, जिनका प्रतिनिधित्व लगभग 320 कार्यकर्ता करेंगे.
आंबेकर ने कहा कि यह आरएसएस की कार्यकारिणी बैठक नहीं है, बल्कि इससे जुड़े संगठनों की बैठक है. अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख ने कहा, इस बैठक के दौरान संघ से प्रेरित संगठनों के कार्यकर्ता अपने-अपने कार्यों के बारे में जानकारी और अनुभवों का आदान-प्रदान करेंगे.
उन्होंने कहा कि इस बैठक में वर्तमान परिदृश्य में राष्ट्रीय हित के विभिन्न मुद्दों, हाल की महत्वपूर्ण घटनाओं पर चर्चा की जाएगी. एक संवाददाता के प्रश्न के उत्तर में आंबेकर ने यह भी कहा कि बैठक में बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उस पर भी चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि चूंकि संगठन 2025 में विजयादशमी पर अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है, इसलिए वह सामाजिक सुधार और राष्ट्र निर्माण के लिए पांच पहल शुरू करेगा.
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments