रेपो रेट कम करने के RBI के एलान से रियल एस्टेट सेक्टर में खुशी की लहर, जानें क्या बोले एक्सपर्ट्स।
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गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में केन्द्रीय बैंक के मॉनेट्री पॉलिसी कमेटी की 7 अप्रैल से चली तीन दिवसीय बैठक में ये फैसला किया गया. इस फैसले के बाद रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच इस क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से बुधवार को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कमी का एलान कर उसे 6% करने के फैसले ने रियल एस्टेट सेक्टर में खुशी ला दी है. गवर्नर संजय मल्होत्रा के नेतृत्व में केन्द्रीय बैंक के मॉनेट्री पॉलिसी कमेटी की 7 अप्रैल से चली तीन दिवसीय बैठक में लोन ईएमआई पर राहत देने वाला फैसला किया गया. इस फैसले के बाद रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच इस क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी.
केडब्ल्यू ग्रुप के डायरेक्टर पंकज कुमार जैन का कहना है, “आरबीआई की तरफ से लगातार दूसरी बार 25 बीपीएस की दर से ब्याज दर कम करने के निर्णय से सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा. हालांकि वैश्विक टैरिफ युद्ध के कारण अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति जोखिम में है और आरबीआई से यथास्थिति की उम्मीद थी. हालांकि अर्थव्यवस्था के प्रमुख संकेतक स्थिर हैं जैसे कि जीडीपी विकास दर 6.5% और मुद्रास्फीति 4% से कम है. इस समय आरबीआई द्वारा ब्याज दर कम करने के निर्णय की सेक्टर सराहना करेगा.
दूसरी ओर, त्रेहान ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सारांश त्रेहान का कहना है, “रेपो रेट को घटाकर 6.00% करना आरबीआई का एक सराहनीय और दूरदर्शी निर्णय है, जो रियल एस्टेट सेक्टर पर सकारात्मक और व्यापक प्रभाव डालेगा. अब लोन की ब्याज दरों में कमी से होमबायर्स को सीधा लाभ मिलेगा, जिससे ऋण लेना अधिक सुलभ होगा और आवासीय मांग में इजाफा होगा. वर्तमान आर्थिक परिप्रेक्ष्य में यह कटौती, एंड-यूज़र्स और निवेशकों दोनों के लिए एक मजबूत प्रोत्साहन के रूप में कार्य करेगी. विशेष रूप से टियर 2 और टियर 3 शहरों में, जहां किफायती और मूल्य-संचालित आवास की मांग अधिक है, वहां बिक्री में अच्छी गति देखने को मिल सकती है. यह कदम आरबीआई की वृद्धि बनाए रखने और लिक्विडिटी को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है, जो रियल एस्टेट क्षेत्र के सतत विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है.”
जबकि, गंगा रियल्टी के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर विकास गर्ग का कहना है, “रेपो रेट को 6.00% तक घटाने का आरबीआई का निर्णय एक सराहनीय कदम है, जो होम लोन उधारकर्ताओं की स्थिति को मजबूत करेगा, क्योंकि इससे ईएमआई कम होगी और किफायती आवास की पहुंच बढ़ेगी.. यह निर्णय, जो ‘उदार’ रुख के साथ लिया गया है, आर्थिक पुनरुद्धार के प्रति एक सकारात्मक संकेत देता है और उपभोक्ता भावनाओं को निश्चित रूप से प्रोत्साहित करेगा.. रियल एस्टेट क्षेत्र, विशेष रूप से किफायती और मिड-सेगमेंट हाउसिंग में, इस कदम से मांग में बढ़ोतरी और निवेश को बल मिलेगा.. रेपो रेट में कटौती और बेहतर लिक्विडिटी मिलकर हाउसिंग सेक्टर को गति देने में अहम भूमिका निभाएंगे..”
जबकि, बीपीटीपी के सीएफओ मानिक मलिक ने कहा, “रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करके इसे 6% करना अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक कदम है, खासकर रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए. नीति दर में इस बदलाव से उधार लेने की लागत कम होने की उम्मीद है, जिससे डेवलपर्स और घर खरीदने वाले दोनों को लाभ होगा. डेवलपर्स को कम उधार दरों के माध्यम से वित्तीय राहत मिलेगी, जिससे परियोजना निष्पादन में आसानी होगी और निर्माण लागत को प्रबंधनीय बनाए रखा जा सकेगा. घर खरीदने वालों के लिए, रेपो दर में यह कमी घर के लोन की ईएमआई में कमी लाएगी, जिससे घर खरीदना आसान हो जाएगा. इससे खरीदारों की भावना फिर से जागृत हो सकती है और रेजिडेंशियल और कमर्शियल रियल एस्टेट दोनों बाजारों में मांग बढ़ सकती है. कुल मिलाकर, समय पर किया गया यह हस्तक्षेप रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि का समर्थन करेगा, निवेशकों का विश्वास बढ़ाएगा और प्रॉपर्टी के मूल्यों में स्थिरता बनाए रखने में मदद करेगा. यह कदम राजकोषीय अनुशासन सुनिश्चित करते हुए आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करने के सरकार के व्यापक प्रयासों के अनुरूप है, और यह कंजूमर और इंडस्ट्री दोनों के लिए अनुकूल दृष्टिकोण प्रदान करता है.”
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