बजट में रेलवे के हाथ लगी निराशा, देश की लाइफ लाइन के लिए सरकार ने नहीं किया कोई खास ऐलान, शेयर हुए धड़ाम।
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इस बार के बजट में रेलवे के लिए ₹2.55 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष (2024-25) के बराबर ही है.
देश की लाइफ लाइन कही जाने वाली भारतीय रेलवे के लिए इस बार के आम बजट में कोई बड़ी घोषणाएं नहीं की गई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट 2025-26 में रेलवे के लिए आवंटन को पिछले साल के एलोकेशन यानी 2.55 लाख करोड़ रुपए पर फिक्सड रखा गया है. जिससे रेलवे से जुड़े निवेशकों और यात्रियों को निराशा हुई है.
इस बार के बजट में रेलवे के लिए ₹2.55 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष (2024-25) के बराबर ही है. पिछले साल सरकार ने रेलवे को ₹2,55,200 करोड़ दिए थे, जिसमें 5% की बढ़ोतरी की गई थी. इसके अलावा, अतिरिक्त बजटीय संसाधनों (EBR) से ₹10,000 करोड़ का अतिरिक्त आवंटन किया गया था.
नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा नहीं
पिछले बजट में सरकार ने नए वंदे भारत ट्रेनों के साथ-साथ तीन प्रमुख रेलवे आर्थिक कॉरिडोर – ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर, पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर और हाई ट्रैफिक डेंसिटी कॉरिडोर की घोषणा की थी. लेकिन इस बार के बजट में रेलवे के लिए इस तरह के किसी बड़े नए प्रोजेक्ट की घोषणा नहीं की गई है.
रेलवे से जुड़े शेयरों में गिरावट
बजट से पहले रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय (Capex) में दोहरे अंकों में वृद्धि की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन बजट में निराशा हाथ लगने के बाद रेलवे स्टॉक्स में भयंकर बिकवाली दिख रही है. RVNL के शेयर 9% तक गिर गए, जबकि इरकॉन 8% नीचे चला गया. टेक्समाको, IRFC, टिटागढ़ रेल और ज्यूपिटर वैगन्स के शेयर 5-7% तक लुढ़क गए.
एक दशक से रेलवे ने पकड़ी रफ्तार
हालांकि, पिछले दशक में रेलवे में सुधार की गति तेज रही है. 2014-15 में जहां प्रति दिन 4 किलोमीटर नए ट्रैक बिछाए जा रहे थे, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 14.54 किलोमीटर प्रतिदिन हो गया. पिछले दस वर्षों में 31,180 ट्रैक किलोमीटर का विस्तार किया गया है.
इसी तरह 2014 से 2024 के बीच 41,655 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया है, जो 2014 से पहले के 21,413 रूट किलोमीटर के मुकाबले लगभग दोगुना है.
निवेशकों के लिए मायूसी
रेलवे को मिलने वाले बजटीय सहयोग में बढ़ोतरी न होने से इस क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं. साथ ही, नई ट्रेनों और बुनियादी ढांचे से जुड़ी घोषणाओं की कमी से यात्रियों को भी निराशा हाथ लगी है. कुल मिलाकर, 2025-26 का बजट रेलवे के लिए उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया.
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