ब्रिक्स के बारे बताते-बताते भारत की जमकर तारीफ कर गए पुतिन, आखिर क्या कहा?
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पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स के दरवाजे नए सदस्यों के लिए बंद नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे यह संगठन विकसित होगा, गैर-सदस्य देशों को भी उसका आर्थिक लाभ मिलेगा.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश में आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले शुक्रवार को कहा कि यह पश्चिम विरोधी नहीं, बल्कि एक गैर-पश्चिम संगठन है, और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ऐसा कह चुके हैं. विदेशी पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में रूस के साथ लड़ाई में यूक्रेन का साथ देने के लिये अमेरिका एवं पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुये पुतिन ने कहा कि उनका सैन्य संगठन नाटो यूक्रेन के लिए यह लड़ाई लड़ रहा है.
रूस इसके लिए ‘आभारी’ है
उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें रूस और यूक्रेन के बीच शांति संबंधी वार्ता में भारत की भूमिका नजर आती है तो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा व्यक्त की गयी चिंता का हवाला दिया और मोदी को ‘मित्र’ बताया. पुतिन ने कहा कि रूस इसके लिए ‘आभारी’ है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के समापन की समयसीमा स्पष्ट कर पाना कठिन है और उसे निर्धारित करना भी ‘प्रतिकूल’ होगा.
उन्होंने अमेरिका पर चीन में विकास को रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह सूरज से यह कहने जैसा है कि वह उगना बंद कर दे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कजान में आयोजित होने वाले 16 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 22-23 अक्टूबर को रूस की यात्रा पर जाएंगे. ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इस संगठन के प्रारंभिक सदस्य हैं.
पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स के दरवाजे नए सदस्यों के लिए बंद नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे यह संगठन विकसित होगा, गैर-सदस्य देशों को भी उसका आर्थिक लाभ मिलेगा. रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि इस संगठन को अन्य संगठनों से अलग करने वाली बात यह है कि ब्रिक्स का उद्देश्य कभी किसी के विरुद्ध नहीं रहा. उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय प्रधानमंत्री ने यह सही ही कहा है. हाल में उन्होंने कहा है कि यह कोई पश्चिम विरोधी संगठन नहीं है, यह सिर्फ एक गैर-पश्चिमी संगठन है.
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