पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर का त्रिशताब्दी जन्म समारोह धूमधाम से मनाया गया.
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मरवाही: मरवाही विकासखंड के उन्नत ग्राम डोगरिया स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का त्रिशताब्दी जन्म समारोह पूरे उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम जिला जीपीएम की त्रिशताब्दी समारोह समिति के तत्वावधान में विद्यालय के सहयोग से तथा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री. गोपेश मनहर और जिला शिक्षा अधिकारी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती और पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर की पूजा-अर्चना एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के जिला संयोजक श्री. मथुरा सोनी, विशिष्ट अतिथि एवं जिला अध्यक्ष श्री. जनार्दन श्रीवास और कार्यक्रम के अध्यक्ष, विद्यालय के प्राचार्य श्री. राजीव कुमार पांडे का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।
छात्र सर्व कुमार ने अहिल्याबाई होल्कर के जीवन और योगदान पर प्रभावशाली उद्बोधन दिया। कुमारी भूमिका ने एकल गायन प्रस्तुत किया, और विद्यालय की छात्राओं ने सामूहिक नृत्य की उत्कृष्ट प्रस्तुति देकर समां बांध दिया।
मुख्य वक्ता और अतिथियों के उद्बोधन
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री. मथुरा सोनी ने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा किए गए सामाजिक और आध्यात्मिक कार्यों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि “अहिल्याबाई होल्कर भारतीय नारी शक्ति का अद्वितीय उदाहरण हैं। उनके द्वारा धर्म, समाज कल्याण, कृषक विकास और तीर्थ स्थलों के निर्माण में किए गए कार्य आज भी प्रेरणादायक हैं।”
विशिष्ट अतिथि श्री. जनार्दन श्रीवास ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर का स्थान भारतीय इतिहास और संस्कृति में गौरवपूर्ण और अद्वितीय है। उन्होंने विद्यालय परिवार को इस आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।
विद्यालय के प्राचार्य श्री. राजीव कुमार पांडे ने अपने संबोधन में महापुरुषों के जीवन प्रसंगों को विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर का जीवन संघर्ष और समाजसेवा की अद्भुत मिसाल है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और विचार संगोष्ठी
कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका श्रीमती शिल्पी गुप्ता और शिक्षक श्री.अनिल कुमार ने किया। अंत में विद्यालय की उप प्राचार्य ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक, कर्मचारी, 400 छात्र-छात्राएं, और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम के बाद प्राचार्य की अध्यक्षता में एक विचार संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें महापुरुषों के जीवन और उनकी प्रेरणाओं पर चर्चा की गई।
यह कार्यक्रम लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के आदर्शों को याद करने और उनके बताए मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करने वाला रहा।
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