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    April 30, 2025

    एलन मस्क से मुकाबले की तैयारी, स्टारलिंक को चुनौती देगा यूरोप का यह प्रोग्राम।

    1 min read
    😊

    स्पेस के फाउंडर और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) के स्टारलिंक (Starlink) से मुकाबला करने के लिए यूरोपीय संघ ने 89,242 करोड़ रुपये का अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका नाम है आइरिस2 (Iris2) है.

    यूरोपीय संघ ने स्पेस के फाउंडर और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) की मुश्किल बढ़ाने की तैयारी कर ली है. दरअसल, यूरोपीय संघ ने 10 बिलियन यूरो यानी करीब 89,242 करोड़ रुपये का अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका नाम है आइरिस2 (Iris2) है. आइरिस2 का लक्ष्य एलन मस्क के स्टारलिंक (Starlink) से मुकाबला करने के लिए 290 उपग्रहों का नेटवर्क बनाना है.

    आइरिस2 (Iris2) का क्या है उद्देश्य?
    यूरोपीय संघ ने प्रक्षेपण के बारे में एक बयान में कहा, ‘यह यूरोप की संप्रभुता और सुरक्षित कनेक्टिविटी की दिशा में एक बड़ा कदम है.’ आइरिस2 (Iris2) एक महत्वाकांक्षी परियोजना है और इसका उद्देश्य बढ़ते साइबर सुरक्षा खतरों के बीच यूरोप के संचार पर नियंत्रण को मजबूत करना है. इसके साथ इसका उद्देश्य ही सरकारों और सैन्य अभियानों के लिए सुरक्षित कनेक्शन प्रदान करना भी है.

    सुरक्षित कनेक्शन के लिए एक मेगा प्रोजेक्ट
    उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए आइरिस2 (Iris2) 1000 उपग्रहों के बराबर एक प्रणाली प्रदान करेगा, जो मध्यम पृथ्वी की कक्षा और निम्न पृथ्वी की कक्षा दोनों में काम करेगा. यह पूरे यूरोप में रक्षा, इंटरनेट सेवाओं, टीवी, मौसम अपडेट और सीमा निगरानी के लिए व्यापक कवरेज सुनिश्चित करेगा. एयरबस डिफेंस एंड स्पेस, थेल्स एलेनिया स्पेस और टेलीस्पेजियो जैसी प्रमुख यूरोपीय कंपनियां इस परियोजना में प्रमुख योगदानकर्ता होंगी.

    क्यों जरूरी है आइरिस2 (Iris2) प्रोजेक्ट?
    आइरिस2 (Iris2) परियोजना का उद्देश्य यूरोप की दीर्घकालिक उपग्रह आवश्यकताओं को पूरा करना है, जो रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण और यूरोप में साइबर हमलों जैसी घटनाओं के कारण और भी अधिक जरूरी हो गई है.

    ब्रिटेन ने इससे बाहर रहने का किया फैसला
    कभी यूरोपीय संघ के गैलीलियो उपग्रह कार्यक्रम का हिस्सा रहे ब्रिटेन ने आइरिस2 में शामिल न होने का विकल्प चुना है. यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि रक्षा और साइबर सुरक्षा के बारे में साझा चिंताओं के बावजूद ब्रिटेन ने इस परियोजना में भाग लेने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. यूरोपीय संघ के एक अधिकारी ने संभावित यूके भागीदारी के बारे में सवालों के जवाब में कहा, ‘अभी तक, हमें अपने यूके भागीदारों से कोई दिलचस्पी नहीं दिखी है.’ ब्रेक्सिट के बाद से यूके अपने उपग्रह प्रयासों पर काम कर रहा है. अगस्त में, यूके ने अपना टाइक अर्थ-इमेजिंग सैन्य उपग्रह लॉन्च किया और निगरानी और खुफिया क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 2027 के लिए एक और उपग्रह, जूनो की योजना बनाई गई है.

    यूरोप की तीसरी प्रमुख अंतरिक्ष परियोजना
    आईरिस2 गैलीलियो और कोपरनिकस के बाद यूरोपीय संघ का तीसरा प्रमुख उपग्रह कार्यक्रम है. यह यूरोप के अपने संचार प्रणालियों की सुरक्षा और अन्य वैश्विक खिलाड़ियों पर निर्भरता कम करने पर बढ़ते फोकस को दर्शाता है. आईरिस2 के माध्यम से पहला सरकारी और वाणिज्यिक संचार 2030 तक शुरू होने की उम्मीद है. इस पहल के साथ, यूरोपीय संघ तेजी से प्रतिस्पर्धी वैश्विक तकनीकी क्षेत्र में अधिक स्वतंत्रता और बेहतर साइबर सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम उठा रहा है.

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