‘एक देश एक चुनाव’ के लिए देश के उद्योग जगत की सकारात्मकता
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मतदाताओं के लिए एक ही सामान्य मतदाता सूची होगी और चुनाव प्रक्रिया की लागत भी काफी कम हो जाएगी।
मुंबई: ‘एक देश, एक चुनाव’ (EDENI) के विचार को पूर्ण समर्थन देते हुए, देश के उद्योग क्षेत्र ने भी सोमवार को यह विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र और राज्य स्तर पर चुनाव चक्र के सामंजस्य से प्रशासन की दक्षता में वृद्धि होगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा दें। उद्योग जगत के प्रतिनिधि निकाय फिक्की और सीआईआई ने हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में ‘ईडीईएनआई’ पर उच्च स्तरीय समिति की बैठक में भाग लिया और इस अवधारणा के प्रति अपना सकारात्मक रुख व्यक्त किया। फिक्की के अध्यक्ष अनीश शाह ने कहा कि अलग-अलग राज्य और राष्ट्रीय स्तर के चुनाव कराने से व्यापार करने में आसानी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, सरकार में निर्णय लेने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों पर अनावश्यक लागत का बोझ पड़ता है।
फिक्की के महासचिव एसके पाठक ने प्रस्ताव दिया कि केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों के लिए हर पांच साल में एक बार चुनाव कराए जाएं; इसका लाभ यह होगा कि आदर्श आचार संहिता की अवधि न्यूनतम रखी जायेगी, जिससे सरकारी निर्णय लेने की गति बाधित नहीं होगी; उन्होंने कहा, सभी पात्र मतदाताओं के लिए एक समान मतदाता सूची होगी और चुनाव प्रक्रिया की लागत भी काफी कम हो जाएगी।
फिक्की का मानना है कि चूंकि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है, इसलिए चुनावी प्रक्रिया का पुनर्मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण है, जिससे लोगों को बेहतर परिणाम ही मिलेंगे। देशभर में फिक्की के ढाई लाख से ज्यादा सदस्य हैं।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने भी पहले हुई एक अलग बैठक में समिति के समक्ष अपने विचार रखे हैं।
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