पोप फ्रांसिस का निधन, 88 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस।
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पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है। वेटिकन ने सोमवार को एक वीडियो बयान जारी कर रोमन कैथोलिक चर्च के प्रथम लैटिन अमेरिकी पोप, पोप फ्रांसिस के निधन की घोषणा की। उन्होंने 88 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली।
पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है। वेटिकन ने सोमवार को एक वीडियो बयान जारी कर रोमन कैथोलिक चर्च के प्रथम लैटिन अमेरिकी पोप, पोप फ्रांसिस के निधन की घोषणा की। उन्होंने 88 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। वे कई वर्षों से बीमार थे।
वेटिकन ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि वह रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी पादरी थे। उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया था, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई थी। वह लंबे समय तक अस्पताल में रहे। वह कुल 38 दिनों तक अस्पताल में रहे और हाल ही में उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली। उनका निधन कासा सांता मार्टा स्थित उनके निवास स्थान पर हुआ।
पोप फ्रांसिस ने ईस्टर रविवार को सार्वजनिक रूप से आश्चर्यजनक उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने सेंट पीटर्स स्क्वायर में 35,000 की भीड़ का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। वेटिकन कार्डिनल केविन फैरेल ने कहा कि पोप फ्रांसिस का पूरा जीवन ईश्वर की सेवा के लिए समर्पित था।
कार्डिनल केविन फैरेल ने वेटिकन के टेलीग्राम चैनल पर प्रकाशित एक बयान में कहा, “आज सुबह 7:35 बजे (भारतीय समयानुसार सुबह 5:35 बजे) रोम के बिशप फ्रांसिस अपने पिता के घर लौट आए।” रविवार को पोप फ्रांसिस ने ईस्टर संडे के अपने संबोधन में विचार की स्वतंत्रता और सहिष्णुता का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “धार्मिक स्वतंत्रता, विचार की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और दूसरों के विचारों के प्रति सम्मान के बिना शांति नहीं हो सकती।” उन्होंने गाजा में “चिंताजनक” यहूदी-विरोधी भावना और “नाटकीय और दयनीय” स्थिति की निंदा की।
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