घर में पुलिस अधिकारियों का आना जाना था इसलिए बने IPS, चंबल में थी पहली पोस्टिंग।
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अजय राज शर्मा ने पढ़ाई के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी थी. लिहाजा, यूपीएससी परीक्षा में पहली ही बार में उनका चयन हो गया.
यूपी से लेकर दिल्ली तक में अपने काम के लिए जाने जाने वाले पूर्व आईपीएस अजय राज शर्मा का 10 फरवरी 2025 को निधन हो गया. अजय राज शर्मा , 1966 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी, जिन्होंने अपनी अलग अलग पोस्टिंग शानदार प्रदर्शन किया और उन्हें यूपी के स्पेशल टास्क फोर्स की बैक बोन के रूप में याद किया जाता है. यूपी के बाद वो दिल्ली पुलिस कमिश्नर और बीएसएफ में भी डीजी रैंक पर रहे और रिटायर हो गए.
कैसे बने IPS अफसर
अजय राज शर्मा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनका जन्म एक जमींदार परिवार में हुआ था, जिसकी वजह से उनके घर पर पुलिस और अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता था. इसी वजह से उन्हें भी बचपन से पुलिस अधिकारी बनने का शौक था.
कहां से और कितनी की पढ़ाई
उनकी शुरुआती पढ़ाई देहरादून के सेंट जोसेफ एकेडमी में हुई. इसके बाद साल 1956 में वह इलाहाबाद आ गए, जहां के क्रिश्चियन पब्लिक स्कूल में बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद 1965 में उन्होंने एमए किया.
1966 में यूपी कैडर के IPS बने
अजय राज शर्मा ने पढ़ाई के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी थी. लिहाजा, यूपीएससी परीक्षा में पहली ही बार में उनका चयन हो गया और उन्हें आईपीएस के रूप में चुन लिया गया. वर्ष 1966 में वह यूपी कैडर के आईपीएस बन गए और यहां से पुलिस विभाग में उनकी एंट्री हो गई.
1970 के दशक में चंबल में डाकुओं का बहुत आतंक था. अजय राज शर्मा की पहली पोस्टिंग चंबल में हुई. यहां पर एक महिला डाकू गुल्लो ने सब इंस्पेक्टर महाबीर सिंह की हत्या कर दी. इस घटना ने अजय राज शर्मा को बहुत परेशान किया. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि इस घटना के बाद ही उनका अपराधियों के प्रति नजरिया बदल गया. उन्होंने महाबीर सिंह की हत्या का बदला लेने की ठान ली, लेकिन उनका तबादला हो गया.
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