पीएम मोदी का भाषण: एससीओ के मंच से बिना नाम लिए पाकिस्तान पर पीएम मोदी का हमला- कुछ देशों के नाम ।
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एससीओ शिखर सम्मेलन 2023: शंघाई सहयोग शिखर सम्मेलन में मोदी ने मस्जिद पर आधारित कार्यक्रम भाषिनी को लॉन्च किया, जाने की जानकारी दी। यह कार्यक्रम भाषाई बाउंडता को दूर करेगा।
एससीओ शिखर सम्मेलन 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 4 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन की बैठक की घोषणा की। इस बैठक में आयोजित वर्चुअली में रूस और चीन सहित एससीओ के सदस्य देश शामिल हुए। मीटिंग को दिखाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, इस समय विश्व विवाद, तनाव और महामारी से घिर गया है, ऐसे में हमें मीटिंग में काम करना है। उन्होंने एससीओ में सुधार के प्रस्ताव का समर्थन किया। इस दौरान मोदी ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर हमला बोल दिया।
पीएम मोदी ने कहा, उग्रवादी क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति के लिए प्रमुख खतरा बना हुआ है। इस चुनौती से नामांकन के लिए अंतिम कार्रवाई आवश्यक है। किसी भी रूप में हो, किसी भी अभिव्यक्ति में हो, हमें इसके खिलाफ़ सामूहिक लड़ाई करनी होगी। कुछ देश, सीमा-पार आतंकवाद को अपनी सेना के औजार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। सिफ़ारिश को पनाह देते हैं. एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना में कोई आर्द्र नहीं करना चाहिए।
अफगानिस्तान को लेकर बोले मोदी
पीएम मोदी ने अफगानिस्तान को लेकर सभी सदस्यों से मिलकर काम करने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा, अफगानिस्तान की स्थिति का सीधा असर हम सभी (देशों) की सुरक्षा पर पड़ा है। अफगानिस्तान को लेकर भारत की चिंताएं और चिंताएं शेचाओ के ज्यादातर सदस्य देशों की तरह ही हैं। हमें अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए एकजुट प्रयास करना होगा। यह महत्वपूर्ण है कि अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग पड़ोसी देशों में अशांति फैलाने या चरमपंथी अलगाव को बढ़ावा देने के लिए न किया जाए।
स्कॉचियो में भारत के 5 स्तंभों का निर्माण ज़िक्र द्वारा किया गया था
पीएम मोदी ने बताया, भारत ने एससीओ के सहयोग से पांच स्तंभ स्थापित किए हैं: आविष्कार और नवाचार, पारंपरिक चिकित्सा, युवा संप्रदाय, डिजिटल समावेशन और साझा बौद्ध विरासत। पिछले दो दशकों में पूरे यूरेशिया क्षेत्र में शांति, समृद्धि और विकास का एक महत्वपूर्ण मंच सामने आया है। इस क्षेत्र के साथ भारत के हजारों साल पुराने सांस्कृतिक और लोगों के आपसी संबंध हमारी साझा विरासत का जीवंत साक्ष्य हैं।
भारत के लैंग्वेज मंच की दी जानकारी
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने भारत के लैंगवेज मंच के बारे में सदस्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हमें एससीओ के अंदर भाषा की बाधा को दूर करने के लिए भारत के आर्किटेक्चरल लैंग्वेज प्लेटफॉर्म भाषिनी को सभी के साथ साझा करने में खुशी होगी। यह डिजिटल तकनीक और समावेशी विकास का एक उदाहरण बन सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, एससीओ संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक समर्थकों में सुधारों की आवाज बन सकती है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने ईरान के एससीओ परिवार में नए सदस्य देश के रूप में शामिल होने पर खुशी जताई।
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