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    April 23, 2025

    G7 Summit में हिस्सा लेकर भारत लौटे PM मोदी, जानिए आपके लिए क्या लाए.

    1 min read
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    जी-7 शिखर सम्मेलन संपन्न हो गया. दुनिया के 7 सबसे विकसित देशों के नेताओं ने वैश्विक चुनौतियों पर मंथन किया. युद्ध से लेकर शांति स्थापित करने की बात हुई. इटली में प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने वैश्विक नेताओं से मुलाकात की. इस समिट में शामिल होने से हमें और आपको क्या फायदा मिला? आइए जानते हैं.

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली (Italy) में भारत का डंका बजाने के बाद भारत लौट आए हैं. तीसरी बार प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभालन के बाद नरेंद्र मोदी इटली में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे. G-7 सम्मलेन में PM मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों सहित कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से भी मुलाकात की. उन्होंने जापानी समकक्ष से भी बात की. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि भारत को मोदी की इस इटली यात्रा से क्या फायदा हुआ.

    पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बात की और ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व मंच पर रखा. पीएम मोदी ने अपने संदेश से एक बार फिर भारत की मज़बूत छवि पेश की. OUTREACH सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने हाल ही में खत्म हुए चुनावों का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत की जनता ने ऐतिहासिक जीत के रूप में जो आशीर्वाद दिया है, वह पूरे लोकतांत्रिक विश्व की जीत है.

    पांच बड़े टेक अवे
    1. निज्जर-पन्नू विवाद के बीच ट्रूडो-बाइडेन से मुलाकात: भारत की ताकत में लगातार इजाफा हुआ है. बीते 10 सालों में कई ऐसे मौके आए जब भारत की आर्थिक और सामरिक ताकत बढ़ने के सबूत मिले हैं. देश की बारगेनिंग पावर बढ़ी है. ऐसे में हर भारतवासी का मान-सम्मान भी बढ़ा है.
    इस भूमिका के बीच खालिस्तानी आतंकवादियों की सुरक्षित शरणस्थली कनाडा से भारत के रिश्तों में जारी तनातनी के बीच पीएम मोदी (PM Modi) ने दोंनो को दो टूक बता दिया कि अपनी धरती में फल-फूल रहे भारत के दुश्मनों पर लगाम लगाइए वरना आपका ही नुकसान होगा. दरअसल आज दुनिया की कोई भी ताकत भारत को इग्नोर नहीं कर सकती. ऐसे में मोदी और ट्रूडो की मुलाकात से भारत के दुश्मनों के कान जरूर खड़े हो गए होंगे.

    2. रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत का रुख बताया: इटली में जी7 से अलग यूक्रेन के राष्ट्रपति से भी पीएम मोदी की मुलाकात हुई. मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने ज़ेलेंस्की को संवाद का मंत्र दिया और कहा- ‘शांति का मार्ग ‘संवाद और कूटनीति’ से होकर गुजरता है.’

    3.जापानी समकक्ष से बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर चर्चा: प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के साथ बैठक की. बातचीत के दौरान भारत में 5 ट्रिलियन येन के निवेश के साथ मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना पर चर्चा हुई. ऐसे में माना जा सकता है कि अगर जापान और भारत इस प्रोजेक्ट में तेजी लाते हैं तो अबतक दूर की कौड़ी दिख रहा, बुलेट ट्रेन चलने का सपना अपने तय समय पर साकार हो सकता है.

    4. फ्रांस के साथ द्विपक्षीय वार्ता: फ्रांस यूरोप में भारत का सबसे करीबी रणनीतिक साझेदार है और दोनों पक्षों ने विशेष रूप से सुरक्षा और रक्षा में घनिष्ठ सहयोग बनाया है. न्यूज़ एजेंसी ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत फिलहाल नौसेना के लिए 26 राफेल-एम (Rafale M) जेट खरीदने के लिए फ्रांस के साथ बातचीत के प्रॉसेस में है.

    सूत्रों के मुताबिक हाल ही में फ्रांस का एक डेलिगेशन दिल्ली आया था. ऐसे में डील जल्द ही डन होने से राफेल मरीन जेट देश को जल्दी मिलेंगे. भारत की समुद्री सीमाएं सुरक्षित होंगी तो हिंद महासागर समेत दुनिया के हर समुद्री क्षेत्र में भारत का वर्चस्व बढ़ेगा. भारत का विदेशी व्यापार सुरक्षित होगा.

    नौसेना को मिलने वाले राफेल की ये डील क्यों अहम है? इसका जवाब ये है कि एयरफोर्स को मिले राफेल फाइटर जेट के पंख फोल्ड नहीं किए जा सकते. लेकन Rafale M एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकता है. यानी इसकी खासियत है कि यह ऊंचे इलाकों में भी लड़ने में माहिर है. Rafale M, अमेरिकी जंगी जेट F-16 और चीनी जेट J-20 दोनों से ज्यादा पावरफुल है. यह अधिकतम 24,500 किलोग्राम का भार उठाकर उड़ने में सक्षम है. इसकी अधिकतम रफ्तार 2200 से 2500 किमी. प्रतिघंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है. इन विमानों को INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत समेंत भारतीय नौसेना के अन्य विमान वाहक युद्धपोतों से संचालित किया जाएगा.

    5. आर्थिक गलियारे का काम तेज होगा: शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन के अंत में जारी बयान में 7 औद्योगिक देशों के समूह ने शुक्रवार को भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) जैसे ठोस बुनियादी ढांचे की पहल को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पैदा हुए खतरों को काउंटर करने और एनर्जी सेक्टर में नेक्स्ट लेवल पर जाने पर प्रतिबद्धता जताई गई. जाहिर है कि आर्थिक गतिविधियों से जुड़े प्रोजेक्ट पूरे होने का फायदा न सिर्फ हमें और आपको बल्कि पूरे देश को मिलेगा.

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