PM मोदी ने सुनाई 250 रुपये में चुनाव जीतने वाले नेता की कहानी, पॉडकास्ट में बताया राजनीति के लिए पैसा कितना जरूरी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जेरोधा’ के को-फाउंडर निखिल कामथ के साथ बात अपने पहले पॉडकास्ट में बात करते हुए कहा कि राजनीति को बड़े नजरिए से देखने की जरूरत है. लोकतंत्र में मतदाता एक तरह से राजनेता होता है. वोट देते समय मतदाता अपने दिमाग का इस्तेमाल करता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार पॉडकास्ट में ‘जेरोधा’ के को-फाउंडर निखिल कामथ के साथ बात की और विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से बात करते हुए कई किस्से शेयर किए. करीब दो घंटे की बातचीत के दौरान जब निखिल कामत ने पीएम मोदी से पूछा किय क्या राजनीति में पैसा एक अनिवार्य हिस्सा है? पीएम मोदी ने इस सवाल का जवाब देते हुए अपने बचपन का एक किस्सा भी सुनाया.
राजनीति में आने के लिए कितने पैसों की जरूरत?
पॉडकास्ट में निखिल कामत ने पूछा, ‘अगर देश के युवा राजनीति में शामिल होना चाहते हैं, तो वे कहते हैं कि इसके लिए बहुत सारे पैसे की जरूरत होती है, जो हमारे पास नहीं है. स्टार्टअप इंडस्ट्री में जब हमारे पास कोई आइडिया होता है, तो हम अपने दोस्तों और परिवार से पैसे लेते हैं. इसे सीड राउंड कहा जाता है. राजनीति में यह कैसे होगा?’
पीएम मोदी ने सुनाई 250 रुपये में चुनाव जीतने वाले नेता की कहानी
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बचपन का एक किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा, ‘मुझे अपने बचपन की एक घटना याद आ रही है. मेरे गांव में एक डॉक्टर थे. वे एक अच्छे नेत्र विशेषज्ञ थे. वे बहुत देखभाल करते थे और अच्छे वक्ता भी थे. वे हिंदी गुजराती भी अच्छी तरह बोलते थे. उन्होंने एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया. मैं ‘बाल सेना’ का हिस्सा था और झंडे लेकर घूमता था.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए लोगों से एक रुपया चंदा लिया. एक सार्वजनिक बैठक में उन्होंने बताया कि उन्हें कितना पैसा मिला. मुझे लगता है कि उन्होंने केवल 250 रुपये खर्च किए. वे बहुत कम अंतर से जीते.’ उन्होंने कहा, ‘यह सच नहीं है कि समाज सत्य को स्वीकार नहीं करता. आपके पास धैर्य और समर्पण होना चाहिए. आपको ‘ठेका’ वाला रवैया नहीं रखना चाहिए, यानी केवल वोट के लिए कुछ करना. इस तरह के रवैये से आप सफल नहीं हो सकते.’
मतदाता भी पॉलिटिशियन हैं: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवल जनप्रतिनिधि चुनने की राजनीतिक मानसिकता से ऊपर उठने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘हमें सांसद या विधायक चुनने तक सीमित इस राजनीति से बाहर आने की जरूरत है. अगर हम समाज से जुड़े किसी काम से जुड़े हैं तो इसका राजनीतिक प्रभाव ज्यादा होता है. अगर कोई छोटा आश्रम चलाता है और लड़कियों को शिक्षा देता है. भले ही वह चुनाव न लड़े, लेकिन उसका प्रयास राजनीतिक प्रभाव जरूर डालता है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, ‘राजनीति को बड़े नजरिए से देखने की जरूरत है. लोकतंत्र में मतदाता एक तरह से राजनेता होता है. वोट देते समय मतदाता अपने दिमाग का इस्तेमाल करता है.’
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