गुलाबी चंद्रमा : गुलाबी साड़ियों की बात छोड़ दीजिए. यह प्रकार क्या है?
1 min read|
|








चैत्र ऋतु की पहली पूर्णिमा कई धर्मों के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन हिंदू धर्म में हनुमान जयंती मनाई जाती है।
23 अप्रैल को इस चैत्र ऋतु की पहली पूर्णिमा होगी। इस दिन के चंद्रमा को ‘पिंक मून’ कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस दिन चंद्रमा सामान्य रूप से दिखाई देने वाले चंद्रमा से कई गुना बड़ा और चमकीला होगा। लेकिन क्या ये चांद सच में गुलाबी होगा?
हालांकि इस पूर्णिमा पर दिखने वाले चंद्रमा को ‘गुलाबी चंद्रमा’ कहा जाता है, लेकिन वास्तव में यह चंद्रमा गुलाबी नहीं दिखेगा। इस चंद्रमा को गुलाबी चंद्रमा क्यों कहा जाता है इसके अलग-अलग कारण हैं। इसका मुख्य कारण चैत्र ऋतु है।
चैत्र ऋतु में कई स्थानों पर नए फूल खिलने लगते हैं। फ़्लॉक्स सुबुलाटा नामक उत्तरी अमेरिकी जंगली फूल भी इस अवधि के दौरान खिलता है। क्योंकि यह एक गुलाबी फूल है, चैत्र ऋतु की पहली पूर्णिमा को गुलाबी चंद्रमा कहा जाता है।
विभिन्न धार्मिक मान्यताएँ
चैत्र ऋतु की पहली पूर्णिमा कई धर्मों के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन हिंदू धर्म में हनुमान जयंती मनाई जाती है। इतना ही नहीं, इस दिन को हिंदू नववर्ष के पहले दिन के रूप में भी मनाया जाता है। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है।
ईसाई धर्म में यह ईस्टर से पहले की पूर्णिमा होती है, इसलिए इस चंद्रमा को ‘पाश्चल मून’ भी कहा जाता है। इस पूर्णिमा पर श्रीलंका में राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस दिन गौतम बुद्ध ने दूसरी बार श्रीलंका का दौरा किया था, इसलिए यह अवकाश दिया जाता है। इस साल का गुलाबी चांद 23 तारीख की रात को दिखेगा.
About The Author
|
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space












Recent Comments