नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 8329626839 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें ,

Recent Comments

    test
    test
    OFFLINE LIVE

    Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

    April 24, 2025

    ‘मुफ्त राशन, पैसा देने के चलते लोग काम नहीं करना चाहते…’ फ्रीबीज पर SC की नाराजगी, पूछा- ये कैसे देश के काम आएंगे?

    1 min read
    😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊

    सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों से पहले मुफ्त में चीजें देने की घोषणाओं की आलोचना करते हुए बुधवार को कहा कि लोग काम करने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि उन्हें मुफ्त में राशन और पैसे मिल रहे हैं.

    सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव से पहले राजनीतिक दलों की ओर मुफ्त सुविधाओं(Freebies) की घोषणा पर नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने कहा कि लोग इनके चलते काम नहीं करना चाहते क्योंकि उन्हें मुफ्त में राशन और पैसा मिल रहा है. जस्टिस बी आर गवई ने कहा कि कि मुफ्त राशन और पैसा देने के बजाए बेहतर होगा कि ऐसे लोगों को समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बनाया जाए ताकि वो देश के विकास के लिए योगदान दे सके.

    कोर्ट ने सरकार से जानकारी मांगी
    जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज की बेंच शहरी इलाकों में बेघर लोगो के शेल्टर से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही थी. सुनवाई के दौरान अटॉनी जनरल आर वेंकटमनी ने बताया कि सरकार शहरी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम को फाइनल करने में लगी है जो गरीब शहरी बेघर लोगों को आवास उपलब्ध कराने से लेकर दूसरे ज़रूरी मसलों में मददगार होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अटॉनी जनरल से कहा कि वो सरकार से निर्देश लेकर बताए कि ये कार्यक्रम कब से लागू होगा. 6 हफ्ते बाद कोर्ट आगे सुनवाई करेगा. न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने शहरी क्षेत्रों में बेघर व्यक्तियों के आश्रय के अधिकार से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां कीं. न्यायमूर्ति गवई ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यवश, मुफ्त की इन सुविधाओं के कारण… लोग काम करने को तैयार नहीं हैं. उन्हें मुफ्त राशन मिल रहा है. उन्हें बिना कोई काम किए ही धनराशि मिल रही है.’’

    चुनाव में फ्री पर भी सुप्रीम कोर्ट कर चुका है टिप्पणी
    इसके पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी टिप्पणी की थी. तब कोर्ट ने राज्यों द्वारा दी जा रही मुफ्त की रेवड़ियों को लेकर बयान दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकारों के पास मुफ्त की योजनाओं के लिए पैसा है, लेकिन जजों के वेतन और पेंशन के लिए पैसा नहीं है. जस्टिस बीआर गवई और एजी मसीह की बेंच ने महाराष्ट्र सरकार की ‘लाडली बहना योजना’ और दिल्ली चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के वादों का उदाहरण दिया था.

    About The Author


    Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

    Advertising Space


    स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

    Donate Now

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Copyright © All rights reserved for Samachar Wani | The India News by Newsreach.
    11:25 PM