पीएम मोदी की फ्रांस यात्रा का नेवी के लिए है सामरिक महत्व, फाइटर जेट राफेल-एम से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ेगी ताकत।
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PM Modi France Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान इंडियन नेवी के लिए राफेल एम लड़ाकू विमान से जुड़ी डील की घोषणा हो सकती है. फ्रांस से ऐसे 26 फाइटर जेट खरीदने का प्रस्ताव है |
Rafale-M Deal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी फ्रांस यात्रा दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के लिहाज से तो महत्वपूर्ण है ही, भारतीय नौसेना के लिए इस यात्रा का सामरिक महत्व है. वायुसेना के लिए पहले ही 36 राफेल विमान खरीद चुका भारत अब फ्रांस से इंडियन नेवी के लिए राफेल एम विमान खरीदने जा रहा है |प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान इसकी पूरी संभावना है कि दोनों देश बड़ी रक्षा परियोजनाओं का ऐलान कर सकते हैं. साथ ही नेवी के लिए राफेल एम फाइटर जेट की खरीद से जुड़ी योजनाओं की भी घोषणा हो सकती है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर भारतीय नौसेना की जरूरतों को देखते हुए राफेल-एम विमान की जल्द आपूर्ति को लेकर भी दबाव बना सकते हैं |
लंबी प्रक्रिया के बाद राफेल एम का चयन
एक लंबी प्रक्रिया के बाद इंडियन नेवी ने खरीद के लिए बोइंग के एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी ‘दसॉल्ट एविएशन’ के राफेल-एम विमान का चुनाव किया था | अब राफेल-एम के नाम पर मुहर लग गई है | राफेल-एम फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमानों का नौसैनिक संस्करण है | उसी तरह से अमेरिकी कंपनी बोइंग के एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट भी नेवी की जरूरतों के हिसाब से तैयार लड़ाकू विमान है | दोनों ने पिछले साल अपनी परिचालन क्षमताओं का प्रदर्शन किया था | इसके बाद इंडियन नेवी की ओर से पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर ‘आईएनएस विक्रांत’ के लिए आधुनिक और बेस्ट लड़ाकू विमान हासिल करने के फैसले से जुड़ी रिपोर्ट सौंपी गई |खरीद प्रक्रिया को मंजूरी देने में जुटा रक्षा मंत्रालय
रक्षा मंत्रालय के रक्षा खरीद बोर्ड (DPB) से 26 राफेल-एम विमानों की खरीद से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी मिल चुकी है | इन प्रस्तावों में नौसेना के लिए राफेल-एम विमानों के साथ ही तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की भी खरीद भी शामिल है | अब इन खरीद प्रस्तावों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) विचार करेगी. संभावना है कि प्रधानमंत्री मोदी के फ्रांस पहुंचने से पहले रक्षा अधिग्रहण परिषद से इन प्रस्तावों को मंजूरी मिल जाए |
इसके साथ ही दोनों पक्ष एक समझौते पर मुहर लगाने के करीब भी पहुंच गए हैं | इस करार के मुताबिक फ्रांस की प्रमुख रक्षा कंपनी ‘सफरान’ और एक भारतीय कंपनी साझा तौर से भारत में एक विमान इंजन विकसित करेगी |
आईएनएस विक्रांत के डेक से संचालन
राफेल -एम लड़ाकू विमान स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के डेक से संचालित किए जाने के लिए खरीदा जाना है | जैसा कि हम जानते हैं कि विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और विक्रांत से फिलहाल मिग-29 का संचालन होता है | इन दोनों ही एयरक्राफ्ट कैरियर पर संचालन के लिए राफेल विमान की जरूरत लंबे वक्त से महसूस की जा रही थी |
बैस्टिल डे परेड में विशिष्ट अतिथि होंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर फ्रांस जा रहे हैं. वे फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में 14 जुलाई को शामिल होंगे , इसे बैस्टिल डे परेड (Bastille Day parade) के नाम से भी जाना जाता है | पीएम मोदी इस परेड में बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे , फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर फ्रांस जा रहे हैं | भारत के लिए ये ऐतिहासिक पल होगा | फ्रांस अमूमन अपने राष्ट्रीय दिवस समारोह में विदेशी गणमान्य लोगों को आमंत्रित नहीं करता है |
परेड में भारतीय सैन्य टुकड़ी भी ले रही है हिस्सा
दोनों देशों के रणनीतिक साझेदारी और सैन्य सहयोग के लिहाज से भी इस साल का बैस्टिल डे परेड ऐतिहासिक होने जा रहा है | जहां पीएम मोदी विशिष्ट अतिथि होंगे, वहीं इस परेड में भारतीय सैन्य बलों की एक टुकड़ी भी हिस्सा लेगी, जिसमें भारतीय सेना के तीनों अंगों आर्मी, एयरफोर्स और नेवी की ताकत और कौशल पूरी दुनिया देखेगी , भारत की तीनों सेनाओं की ओर से इस परेड के लिए 269 सदस्यीय टुकड़ी फ्रांस भेजा गया है |
राफेल एम की लंबे वक्त से जरूरत हो रही थी महसूस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान रक्षा सहयोग से जुड़े तमाम परियोजनाओं की घोषणा के साथ इंडियन नेवी के लिए 26 राफेल एम लड़ाकू विमान और स्कॉर्पीन श्रेणी की तीन पारंपरिक पनडुब्बियों की खरीद का ऐलान हो सकता है |
प्रस्तावों के मुताबिक नौसेना के लिए खरीदे जाने वाले 26 में से 22 सिंगल सीटेड राफेल एम मरीन एयरक्राफ्ट होंगे और 4 ट्रेनर एयरक्राफ्ट होंगे , वहीं तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का अधिग्रहण प्रोजेक्ट 75 के हिस्से के तौर पर रिपीट क्लॉज के तहत किया जाएगा, जिनका निर्माण मुंबई में मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड में होना है |
ऐसे तो इन खरीद पर कितनी लागत आएगी, उसका पूरा ब्योरा डील की घोषणा के बाद ही मिल पाएगा, लेकिन कहा जा रहा है कि ये डील 90 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की हो सकती है | भारत की कोशिश है कि इन प्रस्तावों में ‘मेक इन इंडिया’ का कंटेंट ज्यादा से ज्यादा शामिल हो जाए |
इंडो-पैसिफिक रीजन में होगी मजबूत स्थिति
भारतीय नौसेना काफी वक्त से इन लड़ाकू विमानों और पनडुब्बियों की जरूरत महसूस कर रहा था | इंडो पैसिफिक रीजन में मौजूद सामरिक चुनौतियों को देखते हुए नौसेना चाहती थी कि जल्द से जल्द इनसे जुड़े खरीद प्रस्तावों पर दोनों देशों में सहमति बने , चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लगातार अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिश कर रहा है | ऐसे में इस रीजन से जुड़ी सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए इंडियन नेवी के लिए राफेल-एम मरीन लड़ाकू विमानों के साथ तीनों स्कॉर्पीन पनडुब्बी का महत्व काफी ज्यादा है |
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