DU के अंडर ग्रेजुएट कोर्स में बढ़ा पासिंग क्राइटेरिया, जानिए अब कितने क्रेडिट पर होगा प्रमोशन?
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अगले साल प्रमोशन के लिए योग्य होने के लिए स्टूडेंट्स को 50 प्रतिशत शैक्षणिक आवश्यकता पूरी करनी चाहिए. साथ ही, सुझाव दिया गया है कि अगले साल जाने के लिए एक छात्र को कम से कम 28 क्रेडिट प्राप्त करने चाहिए.
दिल्ली विश्वविद्यालय ने सभी ग्रेजुएट कोर्सेज में अगले साल प्रमोशन के लिए पास होने के लिए जरूरी प्रतिशत 50 से बढ़ाकर 63 कर दिया है. इसका मतलब है कि अब दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों के ग्रेजुएशन स्टूडेंट्स को प्रमोशन पाने के लिए पहले और दूसरे सेमेस्टर में कुल 63 फीसदी नंबर लाने होंगे.
लेकिन, जिन स्टूडेंट्स ने दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व स्पोर्ट्स, एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज, नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), और इसी तरह की अन्य एक्टिविटीज में किया है, उन्हें उनके कॉलेज के अधिकारियों की मंजूरी मिलने पर इस नियम से छूट मिल सकती है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह कदम नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) अंडर ग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (यूजीसीएफ) 2022 को दिल्ली यूनिवर्सिटी में लागू करने में आ रही कमी को दूर करने के लिए उठाया गया है.
एक अधिकारी ने बताया, “पहले के पास और प्रमोशन के नियमों के तहत, एक छात्र पहले साल से दूसरे साल में प्रमोशन के लिए योग्य होता था, बशर्ते कि उसने पहले और दूसरे सेमेस्टर की 50 प्रतिशत परीक्षाएं पास कर ली हों. छात्रों को प्रमोशन पाने के लिए सात पेपर पास करने और कुल 22 क्रेडिट हासिल करने होते थे.”
प्रमोशन मानदंड के लिए दिशानिर्देश तैयार करने वाली समिति के एक सदस्य ने बताया, “हालांकि, एनईपी-यूजीसीएफ 2022 के तहत सभी पेपर्स में समान क्रेडिट नहीं होते हैं, इसलिए यह संभव है कि एक छात्र दोनों सेमेस्टर के केवल तीन पेपर और एक सामान्य इलेक्टिव पास करके केवल 36 प्रतिशत स्कोर के साथ अगले साल में प्रमोट हो जाए.”
एक अधिकारी ने बताया, इसकी समीक्षा करने के लिए, मिरांडा हाउस, किरोड़ी माल कॉलेज और लेडी श्री राम समेत कई दिल्ली यूनिवर्सिटी कॉलेजों के प्रिंसिपालों और डीन, अकादमिक्स और परीक्षा नियंत्रक (सीओई) समेत 12 सदस्यीय एक समिति ने 7 मई को बैठक की और अपनी सिफारिशें दीं.
उन्होंने कहा कि इन सिफारिशों को बाद में 28 मई को दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति योगेश सिंह द्वारा मंजूरी दे दी गई. समिति ने पाया कि एनईपी-यूजीसीएफ 2022 को लागू करने में आई खामी “छात्रों के शैक्षणिक विकास को नुकसान पहुंचा रही है और एनईपी 2020 में निर्धारित लक्ष्यों को विफल कर रही है,” और सर्वसम्मति से यह फैसला लिया कि पास और प्रमोशन के नियमों की समीक्षा करने की जरूरत है.
समिति के सदस्य ने कहा कि इसमें सुझाव दिया गया है कि अगले साल प्रमोशन के लिए योग्य होने के लिए स्टूडेंट्स को 50 प्रतिशत शैक्षणिक आवश्यकता पूरी करनी चाहिए. साथ ही, सुझाव दिया गया है कि अगले साल जाने के लिए एक छात्र को कम से कम 28 क्रेडिट प्राप्त करने चाहिए, जो कि 22 क्रेडिट से ज्यादा हैं.
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