NCERT की किताबें पढ़कर पास की UPSC परीक्षा, फिर भी इस एक वजह से नहीं बनी IAS अधिकारी।
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कामयाबी का कोई सेट पैटर्न नहीं है और ना ही कोई फॉर्मूला है. अगर ऐसा होता तो यूपीएससी देने वाला हर कैंडिडेट यूपीएससी परीक्षा में सफल होता. लेकिन लाखों की भीड़ में बस कुछ ही सफलता हासिल करते हैं. यूपीएससी की परीक्षा में पास करने के बावजूद इस लड़की ने आईएएस का पद नहीं लिया. आइये पूरी कहानी जानते हैं…
यूपीएससी की परीक्षा दुनिया की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक है. इसलिए कई बार लाख कोशिशों के बावजूद कैंडिडेट्स लास्ट अटेम्प तक इस परीक्षा में सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं. लेकिन कुछ उदाहरण ऐसे भी हैं, जिन्होंने पहली बार में ये मुश्किल एग्जाम पास कर ये साबित कर दिया कि अगर आप ठान लें तो कोई भी मंजिल पाना नामुमकिन नहीं है.
ऐसी ही एक मिसाल राजस्थान की विदुषी ने भी कायम की है, जिन्होंने किसी कोचिंग की मदद के बिना ही पहले अटेम्प में ही यूपीएससी जैसी परीक्षा पास कर ली. विदुषी ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 13वां स्थान हासिल किया है. वैसे तो विदुषी का परिवार अयोध्या से है, लेकिन विदुषी का पालन पोषण राजस्थान के जोधपुर में हुआ.
साल 2021 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीए ऑनर्स (अर्थशास्त्र) करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की. इसके लिए विदुषी ने किसी कोचिंग में दाखिला नहीं लिया, वो परीक्षा की तैयारी के लिए कॉलेज के दौरान ही पढ़ाई करने लगी थीं.
NCERT किताबों से की तैयारी:
ग्रेजुएशन के दौरान ही विदुषी ने NCERT और दूसरी बेसिक किताबें पढ़कर अपनी तैयारी शुरू कर दी थी. इसके बाद उन्होंने 21 साल की उम्र में पहली ही कोशिश में ऑल इंडिया रैंक 13 के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली. विदुषी ने ऑप्शनल में इकोनॉमिक्स को चुना था.
13वां रैंक मिलने के बाद भी क्यों नहीं बनी IAS अधिकारी?
ऑल इंडिया 13वां रैंक हासिल करने के बावजूद विदुषी ने आईएएस की बजाय आईएफएस को चुना. एक इंटरव्यू में, विदुषी ने बताया कि उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की बजाय भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) को चुना क्योंकि उनके दादा-दादी का सपना था कि वे वहां सरकारी अधिकारी के रूप में काम करें.
कैसे मिली सफलता?
विदुषी के अनुसार सफलता पाने का कोई सेट पैटर्न नहीं है. इसके लिए सबसे जरूरी फैक्टर मेहनत और फोकस है. यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के लिए विदुषी ने कई टेस्ट सीरीज और मॉक एग्जाम दिए. उनका मानना है कि किसी भी परीक्षा की तैयारी इंडिपेंडेंटली (स्वतंत्र अध्ययन) अच्छी तरह की जा सकती है. इसलिए उन्होंने किसी कोचिंग क्लास की मदद नहीं ली.
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