पाकिस्तान ने भारत का हवाई क्षेत्र अवरुद्ध किया; आम आदमी की जेब पर पड़ेगा बोझ, अब कहां से उड़ेंगे विमान?
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पाकिस्तान के इस फैसले से भारतीय हवाई यात्रा में बड़े बदलाव आएंगे। इसका परिणाम वास्तव में क्या होगा? विस्तृत जानकारी देखें…
पहलगाम (जम्मू कश्मीर) आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान की कड़ी निंदा करते हुए उसके सामरिक सिद्धांतों को चुनौती देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए। भारत ने सिंधु जल संधि से लेकर सीमा पार लेन-देन तक हर चीज़ पर प्रतिबंध लगा दिया। जिसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत की कार्रवाई का वैसा ही जवाब दिया। जहां पड़ोसी राष्ट्र ने भारत के साथ अपने संबंधों को लगभग समाप्त करने की कुछ घोषणाएं भी कीं।
पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) ने 1972 के शिमला समझौते को रद्द कर दिया तथा सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित कर दिया। पाकिस्तान ने यहीं नहीं रुकते हुए भारत के लिए अपने हवाई अड्डों और हवाई क्षेत्र को भी बंद करने का फैसला किया। यह निर्णय पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। उच्च स्तरीय बैठक में भारत के निर्णय का असर दिखने के बाद ही पाकिस्तान ने भी कुछ ऐसे निर्णय लिए जिससे भारत नाराज हो गया।
हवाई अड्डों और एयरबेसों के बंद होने से भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस बीच, चूंकि पाकिस्तान ने एयरबेस बंद करने का फैसला किया है, इसलिए इस फैसले का सबसे ज्यादा असर उत्तर भारत से पश्चिम की ओर जाने वाली उड़ानों पर पड़ेगा। दिल्ली, लखनऊ, चंडीगढ़ और अमृतसर जैसे शहरों से यूरोप, अमेरिका और दुबई के साथ-साथ पश्चिम एशिया के लिए उड़ानें अब गुजरात या महाराष्ट्र के रास्ते अरब सागर की ओर मोड़ दी जाएंगी। इससे यात्रा और उड़ान का समय 70 से 80 मिनट तक बढ़ जाएगा।
पाकिस्तान के इस फैसले के बाद अब भारतीय एयरलाइन्स कंपनियों को ईंधन पर अधिक खर्च करना पड़ेगा, जिसका असर सेवाएं देने वाली एयरलाइन्स कंपनियों पर भी पड़ेगा। इससे पहले 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र बंद कर दिया गया था। तब भी भारतीय एयरलाइंस को करीब 700 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा था, साथ ही एयर इंडिया को ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। परिणामस्वरूप, एयरलाइन टिकट की कीमतें आसमान छू गईं। आने वाले दिनों में भी ऐसी ही तस्वीर देखने को मिल सकती है।
एक प्रतिष्ठित समाचार आउटलेट के अनुसार, जब पाकिस्तान ने अतीत में ऐसा निर्णय लिया था, तो भारत को टक्कर देने की उसकी मंशा के बावजूद, उसे सबसे अधिक नुकसान भी उठाना पड़ा था, और इस बार भी स्थिति अलग नहीं है। उस समय हवाई क्षेत्र बंद होने से पाकिस्तान को 50 मिलियन डॉलर यानी करीब 400 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। इस बार भी स्थिति अलग नहीं होगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को यह फैसला क्या सबक सिखाता है।
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