ओवैसी का मोदी सरकार को बिना शर्त समर्थन! उन्होंने कहा, ‘आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर मारो, हमारे देश का…’
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इस बैठक से पहले ओवैसी ने अनुरोध किया था कि छोटे दलों को भी सर्वदलीय बैठक में भाग लेने का अवसर दिया जाना चाहिए।
पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक में आईएएमआईएम अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी आक्रामक रुख अपनाते नजर आए। ओवैसी, जिन्होंने इस बैठक से पहले ही शुक्रवार की नमाज के बाद सभी मुसलमानों से हमले की निंदा करने का आह्वान किया था, ने सर्वदलीय बैठक में अपना कड़ा रुख पेश किया।
स्पष्ट उत्तर की आवश्यकता
ओवैसी ने सर्वदलीय बैठक में कहा है कि पहलगाम हमले का मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है। सर्वदलीय बैठक के बाद ओवैसी ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, ‘अब आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारने की जरूरत है।’ ओवैसी ने कहा, “यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह अब हमारे देश, हमारे लोगों और राष्ट्रीय हित का मुद्दा बन गया है।” उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण किए बिना इस पर कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है। ओवैसी ने यह भी स्पष्ट किया, “इस मामले में सरकार जो भी कार्रवाई करेगी, हम उसके साथ खड़े रहेंगे।” कहा जा रहा है कि ओवैसी ने बैठक में भी इसी तरह का रुख रखा।
काली पट्टी बांधकर प्रार्थना करने की अपील
गुरुवार को अपने अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में ओवैसी ने अपील की, “जब आप कल नमाज-ए-जुम्मा पढ़ने जाएं तो अपने हाथ पर काली पट्टी बांध लें।” इस काली पट्टी के माध्यम से हम यह संदेश देंगे कि हम विदेशी ताकतों को भारत की शांति और एकता को कमजोर करने की इजाजत नहीं देंगे। इस हमले ने दुष्टों को हमारे कश्मीरी भाइयों को निशाना बनाने का मौका दे दिया है। ओवैसी ने कहा, “मैं सभी भारतीयों से अपील करता हूं कि वे दुश्मन के जाल में न फंसें।” ओवैसी ने वीडियो में कहा, “मैं, असदुद्दीन ओवैसी, आप सभी से अपील करता हूं कि कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 27 से अधिक नागरिकों की हत्या कर दी है। कई घायल हैं और अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मैं आप सभी से अपील करता हूं कि कल जब आप नमाज-ए-जुम्मा पढ़ने जाएं तो इस आतंकवाद और राक्षसी अत्याचारों का विरोध करने के लिए अपने हाथ पर काली पट्टी बांधें।”
ओवैसी ने वीडियो में यह भी कहा, “आइए हम काली पट्टी बांधकर आतंकवादियों के जघन्य कृत्य की निंदा करें और यह संदेश दें कि हम इस्लाम के नाम पर नागरिकों की हत्या की इजाजत कभी नहीं दे सकते। हममें से कोई भी यह बर्दाश्त नहीं कर सकता कि देश से बाहर की ताकतें आकर हमारे नागरिकों की जान लें।”
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