ऑनलाइन गेमिंग: 28% जीएसटी से हर साल 20000 करोड़ की कमाई, राजस्व सचिव बोले- उद्योग 2-3 फीसदी दर से देता है कर।
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राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग फिलहाल सिर्फ 2-3 की फीसदी दर से जीएसटी का भुगतान कर रहा है। यह खानपान की वस्तुओं पर लगने वाले 5 फीसदी कर से भी कम है, जिसका उपभोग आम आदमी करता है।
जीएसटी परिषद के ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी कर लगाने के फैसले से सरकार को हर साल 20,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने गुरुवार को कहा कि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग फिलहाल सिर्फ 2-3 की फीसदी दर से जीएसटी का भुगतान कर रहा है। यह खानपान की वस्तुओं पर लगने वाले 5 फीसदी कर से भी कम है, जिसका उपभोग आम आदमी करता है।
मल्होत्रा ने जीएसटी परिषद के एक सदस्य के हवाले से कहा, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां 18 फीसदी सकल गेमिंग राजस्व (जीजीआर) की दर से कर चुका रही हैं, जो 2-3 फीसदी जीएसटी बैठता है। यह राशि इसकी आठ से 10 गुना होनी चाहिए। अगर मात्रा बरकरार रहती है तो हम इससे सालाना 15,000-20,000 करोड़ रुपये जुटा सकते हैं। 2022-23 में सरकार को इस उद्योग से सिर्फ 1,700 करोड़ का जीएसटी मिला। जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, कसीनो पर 28% कर लगाने का फैसला किया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नजर
सचिव ने कहा, सरकार पूर्व की कर मांग वसूली के लिए सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में आगे बढ़ाएगी। हम हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उच्च दरों पर कर जुटाने का हमारा निर्णय निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।
जीएसटी कानून में संशोधन प्रस्ताव मानसून सत्र में
राजस्व सचिव ने कहा, सरकार ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी कर लगाने के फैसले को लागू करने के लिए संसद के मानसून सत्र में जीएसटी अधिनियम में स्पष्टीकरण संशोधन प्रस्ताव लाएगी। मानसून सत्र 20 जुलाई से 11 अगस्त, 2023 तक चलेगा। हमारी कोशिश होगी कि कानून का मसौदा तैयार किया जाए और इसे संसद में पेश कर मानसून सत्र में पारित कराया जाए।
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