प्याज का रेट हो जाएगा धड़ाम, बिकेगी इतने रुपये किलो! सरकार ने राहत देने के लिए उठाया यह कदम.
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प्याज की बढ़ती हुई कीमत को देखकर सरकार का प्लान आने वाले समय में देशभर में बफर स्टॉक से बिक्री करने का है. इसके असर से प्याज की कीमत घटने की उम्मीद जताई जा रही है. अभी एनसीसीएफ और नेफेड के जरिये दिल्ली में प्याज की बिक्री 35 रुपये किलो की दर पर की जा रही है.
अगर आप भी प्याज की कीमत में उछाल आने से परेशान हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, अब सरकार ऐसा काम करने जा रही है जिससे प्याज की कीमत नीचे आने की उम्मीद की जा रही है. सरकार ने पिछले दिनों प्याज के ऊपर से निर्यात शुल्क हटाया है. इसके बाद खुदरा बाजार में इसकी कीमत में तेजी देखी जा रही है. दिल्ली-एनसीआर में प्याज खुदरा बाजार में 70 से 80 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है. लेकिन अब बढ़ी हुई कीमत पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने थोक मार्केट में ‘बफर स्टॉक’ से बिक्री बढ़ाकर प्याज की कीमत पर लगाम लगाने की कोशिशें तेज कर दी हैं.
देशभर में होगी सब्सिडी वाली प्याज की रिटेल बिक्री
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि केंद्र ने दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों के थोक बाजारों में अपने ‘बफर स्टॉक’ से प्याज निकालना शुरू कर दिया है. सरकार की योजना देशभर में सब्सिडी वाली प्याज की रिटेल बिक्री करने की है. खरे ने कहा, ‘निर्यात शुल्क हटाने के बाद हमें कीमतों में उछाल का अनुमान था. हमारे 4.7 लाख टन के ‘बफर स्टॉक’ और खरीफ की बुवाई के बढ़े हुए रकबे के साथ हमें उम्मीद है कि प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी.’ सरकार देशभर में 35 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर प्याज की खुदरा बिक्री बढ़ाने की योजना बना रही है. इनमें उन शहरों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है जहां कीमतें औसत से अधिक हैं.
दिल्ली में 35 रुपये किलो पर बिक रही प्याज
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 22 सितंबर को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 55 रुपये किलो थी, जो एक साल पहले (38 रुपये प्रति किलो थी. मुंबई और चेन्नई में कीमतें क्रमशः 58 रुपये और 60 रुपये किलो तक पहुंच गई हैं. सरकार दिल्ली और अन्य राज्यों की राजधानियों में मोबाइल वैन और एनसीसीएफ व नेफेड की दुकानों के जरिये 5 सितंबर से 35 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज बेच रही है. खरे को आगामी खरीफ प्याज की फसल से काफी उम्मीदें हैं. इसके लिए उन्होंने पिछले साल की तुलना में काफी ज्यादा रकबे का हवाला दिया.
तेल पर आयात शुल्क बढ़ने के बाद कीमत में तेजी
उन्होंने कहा, ‘आवक अगले महीने शुरू होगी और हमें उत्पादन संबंधी कोई चिंता नहीं दिखती.’ सचिव ने अन्य वस्तुओं की कीमतों पर भी बात की. खाद्य तेलों के बारे में उन्होंने हाल ही में आयात शुल्क वृद्धि के बाद कीमतों में बढ़ोतरी की बात को स्वीकार किया और बताया कि यह कदम घरेलू किसानों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है. टमाटर के बारे में खरे ने कहा कि सरकार रुझानों पर नजर रखेगी और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप करेगी.
घरेलू अरहर और उड़द उत्पादन के अच्छे रहने और दालों के आयात में वृद्धि के साथ खरे को आने वाले महीनों में दलहन कीमत में स्थिरता की उम्मीद है. सरकार ने 10 दिन पहले प्याज पर 550 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य हटा दिया था, जबकि कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क बढ़ाकर 20 प्रतिशत और परिष्कृत सूरजमुखी तेल पर 32.5 प्रतिशत कर दिया था जिसका उद्देश्य घरेलू तिलहन किसानों तथा प्रसंस्करणकर्ताओं को समर्थन देना था.
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