हर चौथे दिन एक फ्लोर तैयार, 157 मंजिले टावर में रहेंगे 1 लाख लोग, सऊदी अरब क्यों बना रहा है बुर्ज खलीफा से भी ऊंची इमारत?
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जेद्दा टावर प्रोजेक्ट की शुरुआत 2013 में हुई थी, लेकिन 2018 में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में चले एंटी-करप्शन अभियान के कारण इसे रोक दिया गया था.
सऊदी अबर की किंगडम होल्डिंग कंपनी (केएचसी) ने जेद्दा टॉवर के निर्माण को फिर से शुरू करने की घोषणा की है. जेद्दा टावर के निर्माण पूरा हो जाने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची गगनचुंबी इमारत बन जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में कंक्रीट डालने का काम फिर से शुरू हुआ, जिसमें प्रमुख शेयरहोल्डर्स ने भाग लिया.
सऊदी अरब में बन रही यह इमारत बुर्ज खलीफा से भी ऊंची होगी. इस टावर में एक समय में एक लाख लोग रह सकेंगे. इस गगनचुंबी इमारत का नाम जेद्दा टावर होगा और यह 1,000 मीटर (1 किलोमीटर) ऊंची होगी. इसे 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 828 मीटर है.
टावर में लग्जरी सुविधाएं
जेद्दा टावर में 157 मंजिलें होंगी. जिनमें लग्जरी अपार्टमेंट्स, एक फोर सीजन्स होटल, ऑफिस स्पेस, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और दुनिया का सबसे ऊंचा ऑब्जर्वेशन डेक शामिल होगा. इसका डिजाइन खासतौर पर इसकी ऊंचाई से जुड़ी इंजीनियरिंग चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है. इसके निर्माण की जिम्मेदारी जेद्दा इकोनॉमिक कंपनी के पास है, जो प्रसिद्ध आर्किटेक्ट्स एड्रियन स्मिथ और गॉर्डन गिल के साथ मिलकर काम कर रही है.
इसे क्यों बना रहा सऊदी अरब?
यह प्रोजेक्ट सऊदी विजन 2030 के तहत आर्थिक विकास और शहरी विकास को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है. इसके निर्माण से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और यह भविष्य में देश के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगा.
हालांकि, इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2013 में हुई थी, लेकिन 2018 में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में चले एंटी-करप्शन अभियान के कारण इसे रोक दिया गया था. इसके बाद अक्टूबर 2024 में 1.92 बिलियन डॉलर की नई डील सऊदी बिन लादिन ग्रुप को दी गई, जिसके बाद फिर से काम शुरू हुआ. अब निर्माण टीम हर चार दिन में एक मंजिल तैयार करने की योजना पर काम कर रही है, जिससे इसे तय समय में पूरा किया जा सके.
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