‘उमर अब्दुल्ला बनेगा चीफ मिनिस्टर..’ चुनाव नतीजों के बाद फारूक की दहाड़ काफी कुछ कह रही!
1 min read
|








अब्दुल्ला परिवार को यह बात पता थी कि अगर इस चुनाव में बढ़त नहीं बना पाए तो आगे बीजेपी काफी मुश्किलें खड़ी कर देगी. इन सबके बीच उमर अब्दुल्ला के बारे में भी समझने की जरूरत है कि कैसे उन्होंने फारूक अब्दुल्ला के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस की मशाल जलाए रखी.
लोकतंत्र की खूबसूरती देखनी है तो भारत के विधानसभा चुनावों में आपका स्वागत है. ताजा बानगी जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनाव हैं. हरियाणा में तो पूरी बाजी ही पलट गई और जम्मू-कश्मीर में तो क्या से क्या हो गया देखते-देखते. जिस जम्मू-कश्मीर में करीब दसेक साल से केंद्र की बीजेपी ने दावा बोला हुआ था, अब वहां की जनता से फिर से अब्दुल्ला परिवार को मुकुट पहना दिया. तभी तो चुनाव के नतीजे साफ होते होते या यूं कहा जाए कई पूरा परिणाम आने से पहले ही अब्दुल्ला परिवार के मुखिया ने ऐलान कर दिया कि उमर नए सीएम होंगे.
उमर अब्दुल्ला: नेशनल कॉन्फ्रेंस की मशाल जलाए रखी
लेकिन यह तो तय है कि अब जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार होगी. मजेदार बात यह भी होगी कि फिलहाल पूरी शक्तियां उप राज्यपाल के पास हैं. ऐसे में देखना होगा कि शक्ति का संतुलन कैसे बनता है. इन सबके बीच उमर अब्दुल्ला के बारे में भी समझने की जरूरत है कि कैसे उन्होंने फारूक अब्दुल्ला के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस की मशाल जलाए रखी और लोकसभा चुनाव में अपनी खुद की सीट भी हारने के बाद उन्होंने इस चुनाव में लोगों से अपनी टोपी सामने रखकर वोट मांगे.
कोई कसर नहीं छोड़ी
अब्दुल्ला परिवार को यह बात पता थी कि अगर इस चुनाव में बढ़त नहीं बना पाए तो आगे बीजेपी काफी मुश्किलें खड़ी कर देगी. इसका उदाहरण तभी देखने को मिल गया था जब सरकार ने 370 हटाया और उसके बाद उप राज्यपाल ने जिस तूफानी अंदाज में वहां काम किया वो नेशनल कॉन्फ्रेंस की राजनीति के लिहाज से सही नहीं था. यही कारण था कि उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला दोनों ने जमीन पर प्रचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस से समझौता भी किया ताकि किसी भी तरह से चूक ना होने पाए.
धारा 370 वाला पूरा प्रचार निगेटिव चला गया
इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस की इस बढ़त का एक कारण राजनीतिक पंडित यह भी बता रहे हैं कि बीजेपी अपने मैसेज को सही दिशा में देने में कामयाब नहीं हो पाई शायद यही कारण रहा कि वो अपने गढ़ जम्मू में भी उम्मीद वाला प्रदर्शन नहीं कर पाई. बीजेपी का धारा 370 वाला पूरा चुनाव प्रचार निगेटिव चला गया और इस बात को जम्मू कश्मीर के लोगों ने हाथों-हाथ ले लिया.
जब उमर ने अपनी टोपी उतार दी
इस बार के चुनाव प्रचार की बात करें तो उमर अब्दुल्ला की वो तस्वीर खूब वायरल हुई जिसमें उन्होंने लोगों के साथ अपनी टोपी उतार दी और कहा कि हमारी इज्जत आप लोगों के ही हाथ में है. इसके अलावा उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के कैडर में भी हलचल मचाए रखी. अपनी सभाओं में वे बीजेपी और पीडीपी दोनों पर निशाना साधते और लोगों को यह बताने में कामयाब हुए कि पीडीपी ने बीजेपी के साथ जाकर विश्वासघात किया है. लोगों ने इसे भी हाथों-हाथ लिया.
फारूक अब्दुल्ला ने साफ घोषणा कर दी
अब जबकि नतीजे लगभग आ गए हैं. फारूक अब्दुल्ला ने साफ घोषणा कर दी कि उमर नए सीएम होंगे. उन्होंने यह भी कह दिया कि लोग अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ थे. मैं सभी का शुक्रिया अदा करता हूं कि लोगों ने चुनावों में भाग लिया और स्वतंत्र रूप से मतदान किया. उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार को लोगों की ‘‘पीड़ाओं’’ को खत्म करने के लिए बहुत काम करना होगा.
फारूक ने यह भी कहा कि हमें बेरोजगारी खत्म करनी होगी और महंगाई तथा मादक पदार्थ की समस्या जैसे मुद्दों से निपटना होगा. अब कोई उपराज्यपाल और उनके सलाहकार नहीं होंगे. अब 90 विधायक होंगे जो लोगों के लिए काम करेंगे.’ फिलहाल फारूक की इस तक़रीर का प्रभाव क्या होगा, यह भी देखना रोमांचक होगा.
About The Author
Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें |
Advertising Space
Recent Comments