‘स्टार्टअप’ की संख्या 1.61 लाख।
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महत्वाकांक्षी ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल के तहत पंजीकृत नए उद्यमी कर और कर-पश्चात वित्तीय प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं।
नई दिल्ली: केंद्र के निरंतर प्रयासों और समर्थन के कारण 31 जनवरी, 2025 के अंत तक देश में पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या 1,61,150 तक पहुंच गई है, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को संसद को सूचित किया। नए उद्यमियों को उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा मान्यता दी जाती है।
महत्वाकांक्षी ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल के तहत पंजीकृत नए उद्यमी कर और कर-पश्चात वित्तीय प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं। सरकार ने देश में उद्यमशीलता संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के उद्देश्य से 16 जनवरी 2016 को ‘स्टार्टअप इंडिया’ पहल शुरू की। इसका उद्देश्य यह था कि अर्थव्यवस्था में विकास के साथ-साथ उद्यमिता को बढ़ावा दिया जायेगा और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा किये जायेंगे। ये मान्यता प्राप्त स्टार्टअप आईटी सेवाओं, वित्त प्रौद्योगिकी, हार्डवेयर प्रौद्योगिकी, उद्यम सॉफ्टवेयर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और नैनो प्रौद्योगिकी जैसे 56 विविध क्षेत्रों में फैले हुए हैं।
महाराष्ट्र की बढ़त बनी हुई है
देश में सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप महाराष्ट्र में हैं। उद्यमिता को बढ़ावा देने की नीति के कारण वर्तमान में महाराष्ट्र में 28,511 से अधिक नए उद्यम उद्यम संचालित हो रहे हैं। इसके बाद कर्नाटक में 16,954 नए उद्यमशीलता उद्यमों को मंजूरी दी गई है।
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