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    April 30, 2025

    अब अंतरिक्ष में दिखा भारत का जलवा! इस टेस्ट में भी हुआ पास, देखकर बौखला जाएगा पड़ोसी।

    1 min read
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    भारत तेजी से सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के करीब पहुंच रहा है. एक कंपनी ने सैटेलाइट के जरिए 5G कनेक्टिविटी का सफल परीक्षण कर लिया है. यह टेस्ट यूटेलसैट ग्रुप (Eutelsat Group) द्वारा किया गया.

    भारत जल्द ही अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. इस सेवा के शुरू होने से पहले ही, एक कंपनी ने सैटेलाइट के जरिए 5G कनेक्टिविटी का सफल परीक्षण कर लिया है. यह टेस्ट यूटेलसैट ग्रुप (Eutelsat Group) द्वारा किया गया, जिसने दुनिया के पहले 5G नॉन-टेरेस्ट्रियल नेटवर्क (NTN) तकनीक का सफल परीक्षण करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की. इस ट्रायल में Eutelsat OneWeb के लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) सैटेलाइट्स का उपयोग किया गया, जिससे 5G NTN स्टैंडर्ड स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया गया.

    मिलेगा हाई स्पीड इंटरनेट

    इस नई तकनीक से सैटेलाइट और ग्राउंड नेटवर्क के बीच इंटरऑपरेबिलिटी बेहतर होगी, जिससे एक्सेस की लागत कम होगी और 5G टेक्नोलॉजी वाले डिवाइसेज़ को सैटेलाइट ब्रॉडबैंड से जोड़ा जा सकेगा. इससे न केवल दूर-दराज के इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध होगा, बल्कि सैटेलाइट और टेरेस्ट्रियल नेटवर्क के बीच सुचारू रूप से काम करने वाला एक नया इकोसिस्टम भी विकसित होगा.

    इस टेस्टिंग में Eutelsat OneWeb के सैटेलाइट्स का उपयोग किया गया, जो MediaTek के NR NTN टेस्ट चिपसेट द्वारा संचालित थे. इसके अलावा, ITRI द्वारा प्रदान किया गया NR NTN टेस्ट gNB भी इस्तेमाल किया गया, जो 3GPP Release 17 मानकों के अनुसार कार्य करता है. इस ट्रायल में उपयोग किए गए एंटीना और परीक्षण उपकरण शार्प (Sharp) और रोड एंड श्वार्ट्ज (Rhode & Schwarz) द्वारा प्रदान किए गए थे. Airbus द्वारा निर्मित LEO सैटेलाइट्स का उपयोग किया गया, जिसमें Ku-बैंड सर्विस लिंक और Ka-बैंड फीडर लिंक वाले ट्रांसपोंडर लगे थे. इस परीक्षण में ‘Earth-moving beams’ अवधारणा का उपयोग किया गया, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि सैटेलाइट 5G नेटवर्क से कुशलतापूर्वक जुड़ सकें.

    कोने-कोने में मिलेगा इंटरनेट
    इस ट्रायल के दौरान, Eutelsat ने पुष्टि की कि 5G यूजर्स टर्मिनल सफलतापूर्वक सैटेलाइट लिंक के माध्यम से 5G कोर नेटवर्क से जुड़ सका और डेटा का आदान-प्रदान प्रभावी रूप से कर पाया. यह परीक्षण इस बात का प्रमाण है कि भविष्य में सैटेलाइट के जरिए हाई-स्पीड 5G इंटरनेट दुनिया के किसी भी कोने में उपलब्ध कराया जा सकता है, भले ही वहां ग्राउंड टॉवर मौजूद न हो.

    जल्द आने वाला है स्टारलिंक
    दूसरी ओर, एलन मस्क की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस Starlink जल्द ही भारत में लॉन्च हो सकती है. कई महीनों की देरी के बाद, कंपनी ने भारतीय अधिकारियों को आवश्यक दस्तावेज जमा कर दिए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि Starlink को भारत में परिचालन की अनुमति मिलने की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, Starlink ने भारत में स्पेस रेगुलेटर को संचालन की अनुमति के लिए आवेदन दिया है. इस आवेदन का रिव्यू भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) की स्थायी समिति द्वारा की जाएगी. यह समिति गृह मंत्रालय और अंतरिक्ष विभाग के तहत कार्य करती है और अंतिम मंजूरी देने से पहले सभी सुरक्षा और तकनीकी पहलुओं की जांच करेगी.

    अगर Starlink को मंजूरी मिल जाती है, तो यह भारत में तेज और भरोसेमंद सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली पहली निजी कंपनी बन सकती है. यह सेवा उन दूरस्थ क्षेत्रों के लिए बेहद फायदेमंद होगी, जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड और मोबाइल नेटवर्क कमजोर या अनुपलब्ध हैं। Starlink के आने से भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे BSNL और अन्य कंपनियों को भी अपने सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को बेहतर बनाने की जरूरत पड़ेगी.

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