इस राज्य में सरकारी नौकरियों में अब महिलाओं के 35 फीसदी आरक्षण।
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अब मध्य प्रदेश में 50 साल तक के कैंडिडेट्स भी असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए आवेदन कर सकेंगे.
मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने 5 नवंबर को एक अहम फैलसों में राज्य सरकार की सेवाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण को मौजूदा 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 फीसदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए वर्तमान आरक्षण को 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 फीसदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि यह निर्णय राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से की जाने वाली सभी भर्तियों में लागू किया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक, आरक्षण बढ़ाने के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री के फैसले एवं मध्य प्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष प्रावधान) नियम, 1997 के तहत 13 सितंबर 2023 की अधिसूचना को मंजूरी दी.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने मेडिकल कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों की भर्ती के लिए आयु सीमा को वर्तमान 40 साल से बढ़ाकर 50 साल करने का भी फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि इसने 2024-25 (खरीफ और रबी मौसम में) में 254 नए उर्वरक बिक्री केंद्र स्थापित करने सहित कई अन्य प्रस्तावों को मंजूरी दी.
महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाने की मंजूरी पिछले साल अक्टूबर में पिछली भाजपा सरकार के दौरान की गई घोषणा के एक साल बाद आई, जो नवंबर 2023 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से एक महीने पहले है.
विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने लोगों से जो प्रमुख चुनावी वादे किए थे, उनमें से यह एक था. शुक्ला ने कहा, “महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाने का आज का कैबिनेट का फैसला भाजपा द्वारा किए गए वादों को पूरा करता है. यह महिलाओं को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता भी है.”महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ाना भाजपा सरकार की ओर से एक साल की अवधि के भीतर दूसरा बड़ा कदम है, इससे पहले पिछले साल नकद प्रोत्साहन योजना ‘लाडली बहना योजना’ शुरू की गई थी.
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