यूपी, हरियाणा नहीं; ये हैं वो 5 राज्य जो सेट करते हैं 10वीं 12वीं बोर्ड का सबसे कठिन पेपर।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि बोर्डों को ऐसे पेपर तैयार करने की सलाह दी जानी चाहिए जिससे स्टूडेंट्स क्रिएटिव और इमेजिनेटिव बन सकें.
त्रिपुरा, महाराष्ट्र, गोवा, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के स्टूडेंट्स को कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में थोड़े ज्यादा मुश्किल सवालों का सामना करना पड़ता है. यह बात NCERT के तहत एक मानक-निर्धारण संस्था ने 17 स्कूल शिक्षा बोर्डों के अंग्रेजी और गणित के पेपर का एनालिसिस करने के बाद पाई है.
पिछले एक साल से पहली बार केंद्र सरकार की ओर से देश भर के स्कूल बोर्डों द्वारा मूल्यांकन को स्टैंडर्डाइज करने के लिए एक फॉर्मूला विकसित करने के प्रयास में इस तरह का एनालिसिस किया है. लेटेस्ट रिपोर्ट ‘बोर्डों में समानता स्थापित करना’ में हाल ही में इसके रिजल्ट सार्वजनिक किए गए.
रिपोर्ट के मुताबिक, त्रिपुरा बोर्ड की माध्यमिक शिक्षा में सबसे ज़्यादा (66.6%) कठिन सवाल थे. इसके बाद महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (53.57%), गोवा बोर्ड (44.66%), छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (44.44%) और पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (33.33%) का स्थान रहा.
इन पांच बोर्डों में से छत्तीसगढ़ के छात्रों की स्थिति थोड़ी बेहतर थी क्योंकि उनके पेपर में लगभग आधे (47.62%) सवाल आसान थे. गोवा में सिर्फ कठिन (44.66%) और मीडियम लेवल (55.34%) के सवाल थे, कोई आसान सवाल नहीं थे. वहीं, महाराष्ट्र में आसान, कठिन और मीडियम लेवल के सवाल बराबर थे. यह जानकारी रिपोर्ट में दी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, आसान सवाल वो होते हैं जो ज़्यादातर छात्र, जिन्होंने पढ़ाई की है, सही कर पाते हैं. वहीं, कठिन सवाल वो होते हैं जो कम ही छात्र हल कर पाते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये बातें पूरी तरह सही नहीं हो सकती हैं, इसलिए इन्हें ध्यान से समझना चाहिए. कुल मिलाकर, 17 बोर्डों (जिनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, मणिपुर, ओडिशा, नागालैंड, हिमाचल, केरल के बोर्ड और CISCE भी शामिल हैं) के पेपर देखने पर पाया गया कि ज़्यादातर सवाल आसान से लेकर थोड़े मुश्किल तक थे.
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