न पैसा और न पहचान… एक मध्यम वर्गीय परिवार के शख्स ने सिर्फ कड़ी मेहनत से करोड़ों की कंपनी खड़ी कर दी।
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विनोद सराफ की दृढ़ता ने उन्हें बिड़ला समूह में एक महत्वपूर्ण भूमिका दिलाई। उद्योगपति आदित्य बिड़ला के मार्गदर्शन में सराफ मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बने।
आज हम एक ऐसे सफल उद्यमी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि से भारत का सबसे अमीर व्यक्ति बनने तक का सफर कई लोगों के लिए बेहद प्रेरणादायक है। इस उद्यमी की सफलता की कहानी से यह सीख मिलती है कि किसी सपने को पूरा करने के लिए सिर्फ पैसे की नहीं बल्कि लगन और मेहनत की भी जरूरत होती है।
राजस्थान के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे विनोद सराफ बचपन से ही पढ़ाई में मेधावी थे। पढ़ाई में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के बाद 17 साल की उम्र में वह राज्य में टॉपर बन गए। इसके अलावा 19 साल की उम्र में उन्होंने बिट्स पिलानी से एमबीए में गोल्ड मेडल हासिल किया। लेकिन, पढ़ाई में मेधावी होने के बावजूद विनोद सराफ को अपने बिजनेस के शुरुआती दिनों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनकी हिंदी भाषी पृष्ठभूमि के कारण उनके लिए बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी पाना मुश्किल हो गया, लेकिन इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्होंने कई वर्षों तक विभिन्न कपड़ा कंपनियों में काम किया, जहां उन्हें बहुमूल्य पेशेवर अनुभव प्राप्त हुआ।
आदित्य बिड़ला द्वारा निर्देशित
आख़िरकार विनोद सराफ की जिद ने उन्हें बिड़ला ग्रुप में अहम भूमिका दिला दी। उद्योगपति आदित्य बिड़ला के मार्गदर्शन में सराफ मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बने। यह भूमिका उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई और सराफ ने ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मॉडर्न सिंटेक्स और भीलवाड़ा ग्रुप जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में प्रमुख पदों पर काम किया। समय के साथ, उन्होंने कॉर्पोरेट जगत में प्रवेश किया और अंततः सीईओ के पद तक पहुंचे।
1990 से बिजनेस शुरू किया
विनोद सराफ ने 1990 में एक फैसला लिया जिसने उनकी जिंदगी बदल दी। उन्होंने एक कॉर्पोरेट में बड़े पद पर अच्छी नौकरी छोड़ दी और अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। उन्होंने अपनी बेटी के नाम पर कंपनी विनती ऑर्गेनिक्स की स्थापना की। धीरे-धीरे विनोद सराफ के अनुरोध पर विंटी ऑर्गेनिक्स ने उद्यमिता के क्षेत्र में अच्छी प्रगति की। अब विनोद की बेटी विनोती सराफ मुटरेजा की अध्यक्षता वाली कंपनी का अनुमानित मूल्यांकन 20,014 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। मुकेश अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला और आनंद महिंद्रा जैसे बिजनेस दिग्गजों के साथ, सराफ की निजी संपत्ति लगभग रु। 15,000 करोड़ (USD 1.8 बिलियन) अनुमानित है।
विनोद सराफ को उनकी उपलब्धियों के लिए हुरुन इंडिया सेल्फ-मेड एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड 2019 से सम्मानित किया गया। 71 साल की उम्र में भी वह भारत के बिजनेस जगत में एक प्रमुख शख्सियत बने हुए हैं। 2022 फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट में भी उन्हें 96वां और 2023 वर्ल्ड बिलियनेयर्स लिस्ट में 1647वां स्थान मिला था।
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