‘कितना भी जोर लगा लो शरद पवार को, लेकिन…’, महाविकास अघाड़ी पर बरसे अमित शाह; कहा, ”देवेंद्र फड़णवीस फिर…”
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शिराला विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने आये थे. इस बैठक में बोलते हुए उन्होंने महाविकास अघाड़ी की जमकर आलोचना की.
विधानसभा चुनाव जीतने के लिए सभी पार्टियां अब कमर कस रही हैं. आज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महागठबंधन उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. राहुल गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे भी महाविकास अघाड़ी के लिए प्रचार सभाएं कर रहे हैं. सांगली जिले के शिराला में आज अमित शाह की सभा हुई. इस बैठक में अमित शाह ने महाविकास अघाड़ी और खासकर शरद पवार की जमकर आलोचना की. साथ ही देवेन्द्र फड़णवीस को लेकर दिए गए एक बयान से अब सियासी गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू होने का अनुमान है.
देवेन्द्र फडनवीस फिर…
अमित शाह ने अपने भाषण की शुरुआत में शिराला में समर्थ रामदास स्वामी का अभिनंदन किया. उन्होंने यह भी कहा कि 20 नवंबर को डबल इंजन की सरकार लाने के लिए महागठबंधन को वोट देने का संकल्प लें. “मैंने लोकसभा के लिए पूरे महाराष्ट्र का दौरा भी किया। उस समय मैंने महाराष्ट्र के कोने-कोने की यात्रा की। अमित शाह ने कहा, लोगों की एक ही भावना है कि हम एक बार फिर से महाराष्ट्र में देवेन्द्र फड़णवीस को लाना चाहते हैं।
शरद पवार चाहे कितना भी जोर लगा लो…
अमित शाह ने आगे कहा कि औरंगाबाद जिले का नाम छत्रपति संभाजीनगर होना चाहिए या नहीं? लेकिन महाविकास अघाड़ी के नेता इसका विरोध कर रहे हैं. खुद को बाला साहेब ठाकरे का उत्तराधिकारी बताने वाले उद्धव ठाकरे भी इस नामकरण का विरोध कर रहे हैं. मैं आज शरद पवार को चुनौती देता हूं, आप कितना भी जोर लगा लें, संभाजीनगर का नाम छत्रपति संभाजीनगर ही रहेगा। साथ ही हमने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 भी हटा दी. पूरे देश ने इसका समर्थन किया. लेकिन उद्धव ठाकरे और शरद पवार इसका विरोध कर रहे हैं. आज मैं शरद पवार को चुनौती देता हूं कि आपकी चार पीढ़ियां भी धारा 370 को वापस नहीं ला सकतीं।
वे राम मंदिर नहीं गये
अमित शाह ने आगे कहा, ”राम मंदिर बनने के बाद शरद पवार ने कहा था, मैं बाद में जाऊंगा. लेकिन वे अभी तक दर्शन के लिए नहीं गए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे भी नहीं गए. वे क्यों नहीं गए? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपील की कि ये सवाल महाराष्ट्र की जनता को पूछना चाहिए. क्योंकि वे अपनी मतपेटी का प्रबंधन करना चाहते हैं। इसलिए वे राम मंदिर में दर्शन के लिए नहीं गए. लेकिन हम उनके मतपेटी से नहीं डरते।”
शिराला में नागपूजा होगी
शिराला में नागपंचमी के मौके पर असली सांपों की पूजा की गई. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस परंपरा पर रोक लगा दी गई है. इस बारे में बात करते हुए अमित शाह ने कहा, हम पारंपरिक नाग पूजा के विरोधी नहीं हैं. नाग पूजा फिर से शुरू की जाएगी. अमित शाह ने ये भी कहा कि इसे कोई नहीं रोक सकता.
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